उत्तरकाशी: सिलक्यारा-बड़कोट टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शुरू किया गया रेस्क्यू आज आठवें दिन भी जारी है। लेकिन, अब तक किए गए सारे प्रयास नाकाम साबित हुए हैं। सवाल यह है की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकलने में आखिर और कितना वक्त लगेगा? इन सवालों का जवाब ना दो नवयुगा कंपनी के पास है और ना ही रेस्क्यू में जुटी देश की टॉप एजेंसियों के पास।
इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा पहुंच गए हैं। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हेलिकॉप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए अस्थायी मार्ग तैयार कर लिया गया है। जिसके बाद ऊपर एक पोकलैंड मशीन पहुंची है।
सुरंग में काम करने वाले लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर की स्थिति अच्छी नहीं है। बताया कि एक सप्ताह का समय हो गया है। लेकिन अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए खास काम नहीं हुआ है। बताया कि वह झूठ बोल बोलकर उन्हें यह कहते हैं कि मशीन लगी हुई है, तुम्हें जल्द बाहर निकाल दिया जाएगा।
लेकिन, उनका हौसला टूट रहा है। वह कहते हैं कि सूखा खाने पर वह कब तक जीयेंगे। तुम काम कर भी रहे हो या झूठ बोल रहे हो। बताया कि उन्हें भी स्थिति का अंदाजा है, इसलिए वह कितना झूठ बोल सकते हैंं। कहा कि मेट मशीन आए तो कुछ हो सकता है।