लोक साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित हुए रवांई के कई साहित्याकार

दिनेश रावत के रवांल्टी कविता संग्रह ‘का न हंदू’ का लोकार्पण

  • हिमांतर ब्यूरो, पुरोला

लोक भाषा संस्कृति को बचाने  एवं नवांकुर लोक कवियों को मंच प्रदान करने  के उद्देश्य से अखिल भारतीय लोक साहित्यिक मंच द्वारा उत्कृष्ट राइका पुरोला में आयोजित वार्षिक अधिवेशन एवं सम्मान  समारोह में दो दर्जन से अधिक  कवियों ने रवांल्टी, बावरी-जौनसारी लोक भाषा में लोक के विभिन्न  रंगों को कविताओं के माध्यम से रेखाकिंत किया.

इस दौरान दिनेश रावत के कविता संग्रह ‘का न हंदू’ का उपस्थित अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया. उल्लेखनीय है कि यह दिनेश रावत की छटवीं और रवांल्टी का पहला संग्रह है. लोकार्पण की कड़ी मे लोक गायक श्याम सिंह चौहान कृत  जौनसारी एल्बम “हांऊ माईए” गीत को भी लोकार्पित किया गया. अखिल भारतीय लोक साहित्य मंच के वार्षिक अधिवेशन में पहुंचे रवांई, जौनसार, बावर की साहित्यिक हस्तियों का सम्मान समारोह कें पश्चत लोक कविताओं की खूब बयार बही.

ख्यातिलब्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा, रंगकर्मी नंदलाल भारती, साहित्य साधक व शिक्षक दिनेश रावत, खिलानंद बिजल्वाण, नीरज उत्तराखंडी, प्रसिद्ध उदघोषक भारती आनंद, अन्नू चौहान आदि 25 से अधिक लोक कवि सम्मलित हुए.

वही इस अवसर पर लोक भाषा संस्कृति को बचाने  के लिए समर्पित लेखक साहित्यकार गीतकार रंकर्मी को  उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सुप्रसिद्ध युवा साहित्यकार महावीर रवांल्टा व गीतकार रंगकर्मी नंदलाल भारती व गीतकार श्याम सिंह चौहान एवं लोक भाषा के लिए पत्रकार नीरज उत्तराखंडी को लोक साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी, विशिष्ट अतिथि गीतकार रंगकर्मी नंदलाल भारती ने अपने संबोधन में कहा  कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और साहित्य में साधना करने वाले लोग समाज को नई दिशा देते है. इसलिए प्रगतिशील राजनीति के लिए साहित्य का होना आवश्यक है.

इस अवसर पर शिक्षक विक्रम सिंह रावत, महावीर रावत, दिनेश रावत, गीतकार श्याम सिंह चौहान,लोक गायक सीता राम चौहान, अनिल बेसारी, गोपाल कैंतुरा, जगदीश गुंसाई,जयेन्द्र रावत, वरिष्ठ लेखक खिलानंद बिजल्वाण,जय प्रकाश सेमवाल, प्रेम पंचोली, ध्यान सिंह रावत, प्रदीप रावत, कुलवंती रावत, भारती आनंद, राजुली बत्रा,अनुरूपा, बसंती असवाल,अनोज रावत, धीरेन्द्र चौहान, ललीत डोभाल, देवी प्रसाद बिजल्वाण, आशीता डोभाल, शुभम, तनवीर राणा,रोशन बिजल्वाण सहित दर्जनों साहित्य एवं लोक प्रेमी मौजूद रहे.

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