
- हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने आश्वासन दिया है कि लंबे समय से लंबित कंडी मोटर मार्ग और लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर शीघ्र ही निर्णय होगा और यह मार्ग जल्दी ही बनकर तैयार होंगे.
दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोटद्वार के शिष्टमंडल ने सांसद बलूनी को ज्ञापन सौंपकर लालढांग–चिल्लरखाल मार्ग के डामरीकरण और पुल निर्माण की मांग उठाई. इस पर बलूनी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही लक्ष्य है कि यह दशक उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास का दशक बने.”
ऐतिहासिक महत्व और उपेक्षा
यह मोटर मार्ग 1965 से अस्तित्व में है. इससे पूर्व यह पैदल व्यापारिक मार्ग के रूप में पूरे गढ़वाल को जोड़ता था. लेकिन राज्य गठन के बाद उपेक्षा के चलते मार्ग बंदी के कगार पर पहुँच गया है. विशेषकर सिगड्डी स्रोत और मैली स्रोत नालों पर अधूरे पुल सबसे बड़ी बाधा हैं.

जनता की समस्याएं
सांसद बलूनी ने कहा कि लालढांग व आसपास के गांवों के लोग भाबर क्षेत्र तक पहुँचने के लिए आज भी 11 से 20 किलोमीटर पैदल दूरी तय करने को मजबूर हैं. उन्होंने विश्वास दिलाया कि इस मामले को अदालत में भी शीघ्र निस्तारित करने की पहल चल रही है.
पर्यटन और विकास की संभावना
शिष्टमंडल ने तर्क दिया कि यह क्षेत्र पर्यटन और वन्य जीवन के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह मार्ग लालढांग–सिगड्डी क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ व साहसिक पर्यटन से जोड़ेगा और पर्यटकों को कण्व आश्रम, महाबगढ़ क्षेत्र और मालिनी नदी घाटी सभ्यता से परिचित कराएगा.
शिष्टमंडल में शामिल प्रतिनिधि
शिष्टमंडल में वरिष्ठ पत्रकार एवं हिमालयन डिस्कवर फाउंडेशन ट्रस्ट के चेयरमैन मनोज इष्टवाल, सनातन महापरिषद भारत के दिल्ली अध्यक्ष सोम प्रकाश गौड़, विमला कुंदन सेवाग्राम ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी गिरिराज सिंह रावत, विकास देवरानी, चन्द्रमोहन कुकरेती और सामाजिक कार्यकर्ती श्रीमती प्रणिता कंडवाल शामिल थे.