इन्वेस्टर समिट में राज्य को आयुष सब बनाने के MOU, फिर आयुष चिकित्सकों की नियुक्ती पर अड़ंगा क्यों?

देहरादून: एक तरफ सरकार उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने के दावे कर रही है। बाकायदा इन्वेस्टर समिट में आयुष विभाग को लेकर बड़े-बड़े निवेश के दावे भी किए गए। लेकिन, दूसरी ओर सरकार चयनित आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति ही नहीं दे रही है। चयनित आयुष चिकित्सा अधिकारी पिछले 6 माह से अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, सरकार है कि उनको नियुक्ति देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि जब प्रदेश में चिकित्सकों की भारी कमी है।

केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम करने की दावे कर रही है। इन्वेस्टर समिट में कई निवेशकों ने आयुष विभाग में निवेश के लिए MOU साइन किए हैं। फिर ऐसी क्या दिक्कत है कि आयुष चिकित्सकों को तैनाती नहीं दी जा रही है।

आलम यह है की सरकार डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ने के लिए उनको अतिरिक्त वेतन तक दे रही है। जबकि पहाड़ चढ़ने के लिए तैयार आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति देने के लिए तैयार नहीं है। आयुष चिकित्सकों का मामला पिछले 6 महीने से लटका हुआ है।

चयनित आयुष चिकित्सा अधिकारी लगातार मांग कर रहे हैं कि उनको नियुक्ति दी जाए श। सरकार पहले ही इस मामले में जांच भी कर चुकी है, जिसमें सभी प्रक्रियाएं सरकार की बनाई नीतियों के अनुरूप ही हुई हैं। किसी तरह की कोई गड़बड़ी भी नहीं की गई है। फिर क्या वजह है कि आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

चयनित आयुष चिकित्सक नियुक्ति की मांग को लेकर आयुष निदेशालय में धरने पर डटे हुए हैं। उनको एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त हो गया है। लेकिन, अब तक किसी ने भी उनकी मांगों पर अमल नहीं किया है।

यह स्थिति तब है, जबकि केंद्रीय आयुष मंत्रालय खुद भी उत्तराखंड को आयुष प्रदेश बनाने को लेकर बहुत गंभीर है और अधिकारियों को इसके लिए सख्त निर्देश भी दिए गए हैं श। इतना सब कुछ होने के बाद भी पहाड़ चढ़ने के लिए तैयार आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति नहीं दी जा रही है। 

Share this:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *