उत्तराखंड हलचल

20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, मौसम साफ होते ही बर्फ हटाने का काम तेज

20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, मौसम साफ होते ही बर्फ हटाने का काम तेज

चमोली
हेमकुंड साहिब के आस्था पथ पर बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है. पिछले दो दिनों से मौसम साफ रहने पर काम में तेजी आई है. 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुल रहे हैं. 17 मई को ऋषिकेश से सिख तीर्थयात्रियों को पहला जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होगा. यात्रा को लेकर ऋषिकेश में स्थित गुरुद्वारे में तैयारियां की जा रही हैं. इस बार भी तीर्थयात्री रोटेशन की बसों से हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाएंगे. पिछले साल की तरह इस बार भी रोटेशन की ओर से गुरुद्वारा प्रबंधन को बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. पिछले साल यात्रा की शुरुआत में बसों के खाली वापस आने को लेकर रोटेशन की ओर से दोनों तरफ का किराया मांगा गया था, लेकिन बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद रोटेशन के पदाधिकारी मान गए थे. रोटेशन के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने कहा कि अभी तक गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से बसों की मांग नहीं की गई है. मांग के अनुरूप बसे...
गुलदार की टारगेट किलिंग: जिस बच्चे को मारा उस पर तीन महीने पहले भी किया था हमला!

गुलदार की टारगेट किलिंग: जिस बच्चे को मारा उस पर तीन महीने पहले भी किया था हमला!

देहरादून
देहरादून में विकासनगर के शंकरपुर में गुलदार की टारगेट किलिंग ने शिकारियों को चौंका दिया है. शिकारियों का कहना है कि महमूदनगर बस्ती में चार साल के मासूम को मारने से पहले गुलदार ने तीन महीने पहले भी उस पर हमले की कोशिश की थी. इसके बाद घर में खेल रहे पांच बच्चों के बीच से गुलदार ने उसी को अपना शिकार बनाया. उनका दावा है कि एक शिकार पर दो बार हमला करने की एकमात्र घटना जिम कार्बेट की किताब में दर्ज है. इसके अलावा ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं आया है. शिकारियों का कहना है कि पिछले नौ महीने से यह क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना हुआ है. आम लोगों की सुरक्षा के लिए गुलदार को मारना जरूरी है. हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले आशीष दास गुप्ता के नेतृत्व वाली शिकारियों की टीम में मुरादाबाद के राजीव सोलोमन, मेरठ के सैय्यद अली बिन हादी शामिल हैं. राजीव सोलोमन का दावा है कि ऐसी एकमात्र घटना का जिक्र जिम कार्बे...
केदारनाथ मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत!

केदारनाथ मार्ग पर 15 दिन में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत!

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पिछले 15 दिन में 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है. पशु चिकित्सकों के अनुसार घोड़ा-खच्चरों को आराम और गर्म पानी नहीं दिया जा रहा है जिससे उनके पेट में गैस बन रही है. बर्फ और पैदल मार्ग पर फिसलकर भी कुछ घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है. इस साल 25 अप्रैल से शुरू हुई यात्रा में चार हजार घोड़ा-खच्चर यात्रियों के लिए व एक हजार माल ढुलान के लिए पंजीकृत किए गए हैं. गौरीकुंड से संचालित घोड़े और खच्चरों के लिए बर्फ से भरा रास्ता जान पर भारी पड़ रहा है. यात्रा के पहले दिन से लेकर 15वें दिन तक 16 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई है, जबकि बीते वर्ष यात्रा के पहले पखवाड़े में 48 घोड़ा-खच्चरों की मौत हुई थी. चिकित्सकों का कहना है कि गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किलोमीटर की चढ़ाई और वापसी में 16 किलोमीटर का ढलान जानवरों के लिए भारी साबित हो रहा है. संचालक जानवरों को सूखा भूसा, गुड़ और चना खि...
हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की हेलिपैड पर भी होगी स्वास्थ्य जांच

हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की हेलिपैड पर भी होगी स्वास्थ्य जांच

रुद्रप्रयाग
हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की अब हेलिपैड पर भी स्क्रीनिंग यानी स्वास्थ्य जांच होगी. स्वास्थ्य विभाग और हंस फाउंडेशन की ओर से गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 11 जगह कियोस्क सेंटर खोले जाएंगे. इनमें से सात केदारघाटी से केदारनाथ के लिए संचालित होने वाली हेलिकॉप्टर सेवा के हेलिपैड पर स्थापित किए जाएंगे. इन सेंटरों पर प्रारंभिक जांच रक्तचाप, शुगर, ऑक्सीजन, धड़कन जांची जाएगी. यहां जांच के दौरान किसी यात्री को कोई भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आती है तो उसका प्राथमिक उपचार किया जाएगा. एक सप्ताह में इन कियोस्क का संचालन शुरू हो जाएगा. साथ ही सोनप्रयाग सहित अन्य दो पैदल  मार्गों पर भी दो-दो कियोस्क सेंटर लगाए जाएंगे. साथ ही प्रत्येक यात्री का डेटा बैंक बनाकर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा. ताकि इसके हिसाब से आगामी यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर की जा सकें. चारधाम यात्रा में यात्रिय...
27 साल के युवक को लगाई गई पिता की किडनी, एम्स ऋषिकेश में पहली बार हुआ किडनी प्रत्यारोपण

27 साल के युवक को लगाई गई पिता की किडनी, एम्स ऋषिकेश में पहली बार हुआ किडनी प्रत्यारोपण

देहरादून
ऋषिकेश. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) ऋषिकेश (Rishikesh) AIIMS (एम्स) में 27 वर्षीय युवक की किडनी प्रत्यारोपित कर उसे नया जीवन दिया गया है. युवक को उसके पिता की किडनी लगाई गई है. इसी के साथ एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है जहां किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हुई है. नैनीताल का रहने वाला यह युवक किडनी फेलियर की समस्या से ग्रसित था. किडनी प्रत्यारोपण ही अंतिम विकल्प था. हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसे संस्थान की यूरोलॉजी (Urology), नेफ्रोलॉजी (Nephrology) और ऐनेस्थेसिया विभाग की संयुक्त टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया. इस प्रक्रिया में एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का भी सहयोग रहा. जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट और लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी जल्द ही एम्स ऋषिकेश में शुरू होगी. युवक का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार...
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन

देहरादून
उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन हो गया है। उन्होंने मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे एक लंबे अरसे से बीमार चल रही थी।
सीएम हेल्पलाइन 1905 के नए प्रारूप का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

सीएम हेल्पलाइन 1905 के नए प्रारूप का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

देहरादून
मुख्यमंत्री ने दिये प्रतिमाह पहले व तीसरे मंगलवार को तहसील जन समर्पण दिवस के आयोजन के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया. सीएम हैल्प लाईन 1905 के नये वर्जन में 1905 डायल करने के अलावा वेब पोर्टल, मोबाइल एप एवं ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की सुविधा भी दी गई है. अब 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन 1905 पर मदद लिये जाने के साथ शिकायत भी दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905  की विभागों द्वारा माह में दो बार समीक्षा की जाए. मुख्यमंत्री प्रत्येक माह के अन्तिम सप्ताह में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाय. यह सुनिश्चित किया जाए कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिए बनाये गये इस हेल्पलाईन का...
इस बार चुनौतीपूर्ण होगी हेमकुंड साहिब की यात्रा, बर्फीले गलियारों से गुजरेंगे यात्री

इस बार चुनौतीपूर्ण होगी हेमकुंड साहिब की यात्रा, बर्फीले गलियारों से गुजरेंगे यात्री

चमोली
इस बार हेमकुंड साहिब की यात्रा चुनौतीपूर्ण रहेगी. आगामी 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने हैं लेकिन अभी तक यहां करीब 10 फीट तक बर्फ जमी है. साथ ही आस्था पथ भी बर्फ से ढक गया है. हालांकि सेना के जवान और हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के सेवादार आस्था पथ से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी से रास्ता बनाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लगभग 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब अभी बर्फ से लकदक है. हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर सेना के जवान 20 अप्रैल से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से जवानों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. जिन जगहों से बर्फ हटाकर रास्ता बनाया गया है वहां फिर से बर्फ पड़ने से रास्ता बंद हो रहा है. ऐसे में जवानों और सेवादारों को दोबारा काम करना पड़ रहा है. सेना के जवानों के...
लोक संस्कृति एवं लोकपरम्पराओं को बढावा देते हैं मेले और कौथिग: सीएम पुष्कर सिंह धामी

लोक संस्कृति एवं लोकपरम्पराओं को बढावा देते हैं मेले और कौथिग: सीएम पुष्कर सिंह धामी

अल्‍मोड़ा
मुख्यमंत्री ने की ऐतिहासिक सोमनाथ मेले के लिये 05 लाख रुपये की घोषणा सोमवार को ऐतिहासिक सोमनाथ मेला मासी-2023 में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमनाथ मेले को 05 लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति एवं सभ्यता महान है इसमें निरंतरता है. सदियों से इस महान संस्कृति की महानता के विषय में आम लोगों को जागरूक करने का काम मेले और कौथिग करते रहे हैं. सोमनाथ का यह ऐतिहासिक मेला भी इसी का उदाहरण है. कत्यूरकाल से देवाधिदेव शिव को प्रत्येक गांव से नई फसल भेंट करने की चली आ रही अनूठी परंपरा इस मेले को विशिष्ट बनाती है. हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी ये मेले अहम भूमिका निभाते हैं. मेले हमारे समाज को जोड़ने तथा हमारी प्राचीन संस्कृति और परम्पराओं के बारे में नई पीढ़ी को जागरूक करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. सीएम ने द्वाराहाट विध...
आईआईटी रुड़की : रीन्यूएबल ग्रिड इंटीग्रेशन लैबोरेटरी और ग्रीन हाइड्रोजन लैबोरेटरी का उद्घाटन

आईआईटी रुड़की : रीन्यूएबल ग्रिड इंटीग्रेशन लैबोरेटरी और ग्रीन हाइड्रोजन लैबोरेटरी का उद्घाटन

देहरादून
दोनों लैब्स भारत को उर्जा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने और शुद्ध शून्य कार्बन लक्ष्यों को हासिल करने की आईआईटी रुड़की एवं डिपार्टमेन्ट ऑफ हाइड्रो एण्ड रीन्यूएबल एनर्जी की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैंरुड़की. आईआईटी रुड़की के डायरेक्टर प्रोफेसर के.के. पंत ने डिपार्टमेन्ट ऑफ हाइड्रो एण्ड रीन्यूएबल एनर्जी में दो नई लैब्स- रीन्यूएबल ग्रिड इंटीग्रेशन लैबोरेटरी और ग्रीन हाइड्रोजन लैबोरेटरी का उद्घाटन किया. एचआरईडी ने इन दो लैब्स की स्थापना यह सुनिश्चित करने के लिए की है कि डिपार्टमेन्ट और आईआईटी रूड़की स्वच्छ उर्जा ग्रिड में भारत में आत्मनिर्भार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें. डायरेक्टर ने एचआरईडी की इन लैबोरेटरीज़ का दौरा किया, जो रीन्यूएबल एनर्जी से जुड़े सभी पहलुओं जैसे हाइड्रोपावर, एनर्जी स्टोरेज, सोलर एनर्जी, बायोमास एनर्जी, मैनेजमेन्ट ऑफ वॉटर बॉडीज़ एवं एनर्जी सिस्टम्स मॉडलिंग में रूप...