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पृथ्वी दिवस विशेष : वसुंधरा की पुकार

पृथ्वी दिवस विशेष : वसुंधरा की पुकार

कविताएं
मोनिका डागा ‘आनंद’, चेन्नई, तमिलनाडु   वसुंधरा कर रही आर्द्र करूण पुकार, हे मानव ! मत करो इतना अत्याचार, मातृभूमि, कर्मभूमि, तुम्हारी मॉं हूँ मैं, अनुचित है तुम्हारा ये घृणित व्यवहार । अतिशय कर रहे हो तुम जंगलों का दहन, अत्यधिक प्राकृतिक संपदाओं का खनन, पर्यावरण प्रदूषण से दूषित हो रहीं हूँ मैं, असहनीय गहन पीड़ा हो रही हैं अंतर मन । परिवर्तन है गहरा उथल पुथल हैं मची, समझाऊॅं कैसे तू हो गया हठी व लालची, तेरी महत्वाकांक्षाओं से तड़प रही हूँ मैं, अन्य जीव जन्तु हुएं घायल बात कहूँ सच्ची । ईश ने "आनंद" से सृष्टि का सृजन किया, तूने खिलवाड़ मचाया प्रेम को भंग किया, तेरे अमानवीय कृत्यों से बहुत क्रोधित हूँ मैं, तूने मेरी स्मिता, सुंदरता को शर्मसार किया । अहंकारी बन सीमाओं का तू करे उल्लंघन, बड़ा क्रूर विनाशकारी है ये तेरा पागलपल, भयावह कष्टों से पीड़ित हो धूंज रही हूँ ...
इंजीनियरिंग कॉलेज में मानकों के अनुसार की जाए फैकल्टी की तैनाती: सीएम धामी

इंजीनियरिंग कॉलेज में मानकों के अनुसार की जाए फैकल्टी की तैनाती: सीएम धामी

देहरादून
राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा बैठक की देहरादून. राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के लिए इन्फ्रास्टक्चर, योग्य फैकल्टी, आधुनिक लैब और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उद्योग जगत की मांग के अनुसार उन्हें विभिन्न ट्रेड में दक्ष बनाया जाए. राज्य के इंजीनियरिंग  संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किये जाने के सबंध में मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं, हॉस्टल और बाउंड्री वॉल की व्यवस्था के साथ ही बेहतर सड़क कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सख्त निर्देश दिये कि सभी...
एआई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी: डीजी सूचना

एआई के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी: डीजी सूचना

देहरादून
राष्ट्रीय जनसम्पर्क दिवस पर “रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’’ पर परिचर्चा देहरादून. महानिदेशक सूचना/उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी ने  कहा कि एआई (artificial intelligence) के दौर में भी मानवता को बनाए रखना जरूरी है. आज के तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझे. राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर सोमवार को देहरादून में पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यकाशाला का विषय ‘‘रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस: रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’’ रखा गया. कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बद्रीकेदार मंदिर समिति के सी.ई.ओ. विजय थपलियाल, अध्यक्ष पी.आर.एस.आई. देहरादून चैप्टर रवि विजारनिया द्वारा संयुक्त रूप...
पत्तों पर कारीगरी का हुनर… जया वर्मा के जज्बे को नमन!

पत्तों पर कारीगरी का हुनर… जया वर्मा के जज्बे को नमन!

पिथौरागढ़
शशि मोहन रवांल्टा बात दिल्ली के डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली की है और मौका हिल-मेल फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘रैबार’ कार्यक्रम का. वहां पर लगे स्टॉल्स पर जब भ्रमण किया तो वहां पर एक साधारण सी दिखने वाली महिला से पीरुल वुमेन के नाम ख्याति प्राप्त मंजू आर. शाह ने परिचय करवाया. उन्होंने कहा, ये जया वर्मा हैं और पत्तों पर चित्रकारी करती हैं, उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के बेहद आकर्षक और शानदार चित्र वहां मौजूद थे. दूर से देखने पर लगा कि ये कागज पर उकेरे हुए हैं लेकिन जैसे ही बाबा नीम करौली महाराज की एक फोटो को हाथ में लिया और गौर से देखा तो वह पीपल के पत्ते पर बनी आकृति दिखी. उनकी यह चित्रकारी अद्भुत है. उनसे बातचीत करके उनके बारे में जाना. सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के डीडीहाट (जया मूल रूप से बागेश्वर जिले के कंडा गांव की हैं और डीडीहाट में उनका ससुराल है) की रहने वाली जया वर्मा एक लीफ आर्...
बिखोत पर्व पर भिलंगना घाटी में नवोदित प्रतिभाओं ने बिखेरे लोकसंस्कृति के रंग

बिखोत पर्व पर भिलंगना घाटी में नवोदित प्रतिभाओं ने बिखेरे लोकसंस्कृति के रंग

टिहरी गढ़वाल
हिमांतर ब्यूरो, भिलंगना (टिहरी गढ़वाल) भगवान श्री रघुनाथ जी के प्रांगण और भृगु गंगा के सुरम्य तट पर स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी की कर्मभूमि इस बार बिखोत पर्व पर लोकसंस्कृति और नवोदित प्रतिभाओं की अभिव्यक्ति की साक्षी बनी. राजेन्द्र सिंह चौहान के निर्देशन में गढ़भूमि सांस्कृतिक एवं नाट्य कला मंच के शुभारंभ की यह बेला उपस्थित अतिथियों, भिलंगना घाटी के स्थानीय अभिभावकों और आयोजकों के लिए मानों एक अकल्पनीय उपलब्धि थी. राइजिंग सन पब्लिक स्कूल घुत्तू के नन्हे मुन्ने कलाकार यूं तो पहले ही दिल्ली में उत्तरायणी के राष्ट्रीय मंच पर राजेन्द्र सिंह चौहान के निर्देशन में माधो सिंह भंडारी की शानदार प्रस्तुति दे चुके थे, उसके बाद भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के स्थापना दिवस पर जीतू बगडवाल नाटिका प्रस्तुत की थी, जिसकी बहुत चर्चा और तारीफ हुईं. इन उदीयमान कलाकारों अद्वितीय अभिनय से जीतू बगडवाल नाटिका को ...
पर्वतीय लोकविकास समिति की नई कार्यकारिणी का गठन

पर्वतीय लोकविकास समिति की नई कार्यकारिणी का गठन

दिल्ली-एनसीआर
भारतीय हिमालयी राज्यों और गांवों के विकास के लिए 2005 में गठित पर्वतीय लोकविकास समिति ने अप्रैल 2025 से 2027 तक की अवधि के लिए नई कार्यकारिणी घोषित की है. दिल्ली से केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में मीडिया सलाहकार और वरिष्ठ शिक्षाविद एवं पत्रकार प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल को समिति का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. पूर्व में समिति के संस्थापक कोषाध्यक्ष रहे प्रसिद्ध योग विशेषज्ञ डॉ. शशिमोहन शर्मा चेयरमैन चुने गए हैं. हिमाचल प्रदेश मूल के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक  श्री सुरेंद्र सिंह डोगरा वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुने गए हैं तो उत्तरकाशी के रहने वाले पाञ्चजन्य और ऑर्गेनाइजर के आर्ट डायरेक्टर श्री शशि मोहन रावत को उपाध्यक्ष चुना गया है. पूर्व में समिति में सचिव, कोषाध्यक्ष और सांस्कृतिक सचिव रह चुके प्रसिद्ध कवि और सामाजिक कार्यकर्ता बीर सिंह राणा को समिति का महासचिव चुना गया है. पूर्व क...
पामिण और सिलक्यारा टनल, यह महज एक संयोग नहीं?

पामिण और सिलक्यारा टनल, यह महज एक संयोग नहीं?

धर्मस्थल, लोक पर्व-त्योहार
शशि मोहन रवांल्टा आज बाबा बौखनाग देवता की पामिण है और आज ही सिलक्यारा टनल का उद्घाटन भी हो रहा है। इसे महज एक संयोग कहा जाए या फिर बाबा बौखनाग का चमत्कार! जो दोनों एक साथ हो रहे हैं। जहां एक ओर बौखटिब्बा नामक शिखर पर बाबा बौखनाग के पुजारी बाबा की पूजा-अर्चना कर रहे होंगे वहीं दूसरी ओर ठीक उसी बौखटिब्बा, राड़ी डांडे के नीचे सुरंग में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा टनल का उद्धाटन करके गाड़ियों के काफिलों को हरी झंडी दिखा रहे होंगे। इसे महज एक संयोग ही कहा जाए या फिर बाबा का ही कोई चमत्कार माना जाए, जो दोनों एक दिन हो रहे हैं। क्या है पामिण बाबा बौखनाग की पामिण प्रत्येक वर्ष संक्रांति (चैत्र मास समाप्ति और बैशाख मास का प्रारंभ) के पहले रविवार अथवा बुधवार को उत्तरकाशी जिले के भाटिया गांव की प्रत्येक बिरादरी से एक व्यक्ति इस पूजा के...
स्वाद और स्वास्थ्य का अनूठा संगम- झंगोरा की खीर

स्वाद और स्वास्थ्य का अनूठा संगम- झंगोरा की खीर

खान-पान
उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों में झंगोरा (सामा चावल या बर्नयार्ड मिलेट) से बनी खीर एक ऐसा व्यंजन है जो स्वाद और स्वास्थ्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है. यह न केवल स्थानीय संस्कृति का अभिन्न अंग है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पौष्टिकता के लिए पहचान बना चुकी है. इस खीर को व्रत-त्योहारों से लेकर राजकीय भोजों तक विशेष स्थान प्राप्त है.  2013 में ब्रिटिश राजकुमार प्रिंस चार्ल्स और कैमिला पार्कर के उत्तराखंड दौरे के दौरान इस खीर को परोसा गया, जिसके बाद उन्होंने इसकी विधि जानने की इच्छा व्यक्त की. 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे राष्ट्रपति भवन के मेन्यू में शामिल करवाया. यह घटना झंगोरा की खीर को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित हुई. पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत झंगोरा में भारी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं, जो इसे एक संपूर्ण...
विदेशी घास ने पर्वतीय खेती को किया बदहाल

विदेशी घास ने पर्वतीय खेती को किया बदहाल

खेती-बाड़ी
सत्य प्रकाश शर्मा, देहरादून पहाड़ों के खेत-खलिहान और जंगल आज एक अनचाहे बदलाव के गवाह बन रहे हैं. लेन्टाना, कालाबांस, गाजर घास और तिपतिया घास जैसी विदेशी प्रजातियों ने यहाँ के प्राकृतिक परिदृश्य को अपने कब्जे में ले लिया है. ये घासें न सिर्फ तेजी से फैल रही हैं, बल्कि परम्परागत दूधारू घासों को भी लुप्त कर रही हैं, जो कभी पहाड़ी जीवन का आधार हुआ करती थीं. इन घासों के अभाव में पशुपालक अपने जानवरों को सड़कों पर राम भरोसे छोड़ने को मजबूर हैं. खेतों में इन घासों को उखाड़ते-उखाड़ते किसान थक चुके हैं, परेशान हो चुके हैं. फिर भी, अगर हिम्मत जुटाकर खेती को आगे बढ़ाने की कोशिश करते हैं, तो बन्दरों और सूअरों का आतंक उन्हें पीछे धकेल देता है. समस्याएँ यहीं खत्म नहीं होतीं. जलवायु परिवर्तन ने हालात को और विकट बना दिया है. गर्मियाँ अब पहले जैसी नहीं रहीं. पारा 48 डिग्री के पार पहुँचने की ओर अग्रस...
हनुमान जन्मोत्सव और चैत्र पूर्णिमा : भक्ति के रंग में सराबोर रहा अयोध्या

हनुमान जन्मोत्सव और चैत्र पूर्णिमा : भक्ति के रंग में सराबोर रहा अयोध्या

उत्तर प्रदेश
हिमांतर ब्यूरो, उत्तर प्रदेश रामनगरी अयोध्या में एक अद्भुत संयोग ने आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि सरयू घाट से लेकर मठ-मंदिरों तक भक्तों का तांता लगा रहा। रामलला का छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव और चैत्र पूर्णिमा का पावन पर्व एक साथ होने से अयोध्या भक्ति के रंग में सराबोर हो गई। इस अवसर पर हर भक्त के मुख पर सिर्फ 'राम-राम' का जाप सुनाई दे रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या की व्यवस्था और सुरक्षा इतनी सुदृढ़ थी कि लाखों श्रद्धालुओं ने बिना किसी अव्यवस्था के दर्शन और पूजन का सौभाग्य प्राप्त किया। राम मंदिर में रामलला के छठी उत्सव का आयोजन बड़े ही भक्तिभाव के साथ किया गया। इस अवसर पर रामलला को कढ़ी-चावल सहित 56 भोग अर्पित किए गए। दोपहर 12:30 बजे मध्यकालीन आरती हुई, जिसमें हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया। वहीं कनक भवन, श्रीरामबल्लभाकुंज, दशरथ महल, रामलला सदन, लक्ष्मण किला और रं...