Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
आईए एंड सी द्वारा 8 से 11 सितम्बर तक प्रगति मैदान में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन

आईए एंड सी द्वारा 8 से 11 सितम्बर तक प्रगति मैदान में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन

देश—विदेश
वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर द्वारा नेशनल क्राफ्ट इंपोरियम एंड हस्तकला एकेडमी, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया है. यह फोटो प्रदर्शिनी 8 सितम्बर से 11 सितम्बर 2022 तक चलेगी तथा 38 लोगों ने इस फोटो प्रदर्शिनी में प्रतिभाग किया है. इस फोटो प्रदर्शिनी का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला, वस्त्र मंत्रालय, सचिव, उपेंद्र प्रसाद सिंह, इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर की चेयरपर्सन एवं डारेक्टर रमा उप्रेती, आईए एंड सी के फाउंडर एंड डारेक्टर तारा चंद उप्रेती, आईए एंड सी के क्यूरेटर आशीष मिश्रा, एयर मार्शल (रि.) वीपीएस राणा ने किया. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला ने कहा कि भारत की कला और संस्कृति का बड़ा गौरवशाली इतिहास है जिसे दुनियाभर में पहचाना और सराहा जाता है. हालांकि, हमारी प्रतिभा और रचनात्मकता की क्षमता का पत...
चम्पात: 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिरी

चम्पात: 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिरी

चम्‍पावत
चंपावत जिले में सुबह-सुबह हादसा हो गया. 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिर गई. राहत-बचाव कार्य में जारी है. प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है. जानकारी के अनुसार सभी जावन सुरक्षित है. गुरुवार सुबह टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे परआईटीबीपी की बस हादसे का शिकार हो गई. आईटीबीपी की 14वीं वाहिनी की बस 12 जवानों को लेकर पिथौरागढ़ के जाजरदेवल जा रही थी. तभी बस खाई में लुढ़कने वक्त पेड़ में अटकने से बड़ा हादसा बच गया. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. जख्मी जवानों का सिन्याड़ी से पांच किमी दूर चल्थी के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी जवान खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं....
उसके साथ से मैंने सीखा लिखना… और प्यार को भूलना…

उसके साथ से मैंने सीखा लिखना… और प्यार को भूलना…

पुस्तक-समीक्षा
मनोहर चमोली ‘मनु’ रूसी साहित्यकार मारीना के व्यक्तित्व और कृतित्व को पूरे जीवनवृत्त के साथ अब किताब ‘मारीना’ में पढ़ा जा सकता है. पाठकों के लिए यह किताब हिन्दी में आई है. कवयित्री, लेखिका, स्तम्भकार और शिक्षा के सरोकारों से जुड़ी प्रतिभा कटियार ने एक अलग अंदाज़ में मारीना को पाठकों के सामने प्रस्तुत किया है. पाठक सहजता से बीते 130 साल की यात्रा कर लेता है. हालांकि मारीना का देहांत 1941 में because हो गया था. किताब आल्या के बहाने 1975 की यात्रा कर लेता है. आल्या मारीना की पहली संतान थी. फिर भी पाठक स्वंय प्रतिभा के लिखे बुकमार्क के ज़रिए किताब के अंत तक मौजूदा दौर से स्वयं को जोड़कर रखता है. ज्योतिष मैं इसे महज जीवनी की किताब नहीं लिखना चाहूंगा. जीवनी विधा में लिखी गई अक्सर किताब में तथ्य अधिक होते हैं. व्यक्ति के बारे में लेखक जन्म से लेकर की मृत्यु की तथ्यात्मक यात्रा के साथ उसके बचपन, ...
सौगात : देहरादून और रुद्रपुर में जल्द खुलेंगे सैनिक स्कूल!

सौगात : देहरादून और रुद्रपुर में जल्द खुलेंगे सैनिक स्कूल!

देहरादून
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्ताव पर लगी मोहर हिमांतर ब्यूरो, देहरादून सैनिक बाहुल्य उत्तराखंड को जल्द दो और सैनिक स्कूलों की सौगात मिलने जा रही है. धामी सरकार ने इसको लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है. राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल में खुलेगा एक-एक सैनिक स्कूल खुलेगा. because कुमाऊं मंडल में रूद्रपुर और गढ़वाल मंडल देहरादून में सैनिक स्कूल खुलेंगे. इन प्रस्तावों पर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू की अध्यक्षता में हुई बैठक में मोहर लगी है. अभी उत्तराखंड में केवल एक ही सैनिक स्कूल है. जो कि कुमाऊं मंडल के घोड़ाखाल में है. ज्योतिष शिक्षा महानिदेशक उत्तराखंड बंशीधर तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और रुद्रपुर में एएन झां इंटर कॉलेज को सैनिक स्कूल के रूप में चलाने का प्रस्ताव रखा है. जिसको केंद्र के पास मंजूरी के because लिए भेजा जा रहा है. शिक्षा महानिदेशक बंश...
सियूड़िया मेला :  जहां  देव पश्वा अपने मुंह में डालते हैं लोहे व चांदी के सुये

सियूड़िया मेला :  जहां  देव पश्वा अपने मुंह में डालते हैं लोहे व चांदी के सुये

उत्तरकाशी
देव पशवा का मुंह में लोहे वचांदी की छड़ डालना रहता है मेले का मुख्य आकर्षण. रामा गांव में लगता है 12 because गांव का कैलापीर, नरसिंह एवं सियूड़ियादेवता का मेला. हिमाचल के डोडरा का है सियूड़ियादेवता, रामा सिरांई क्षेत्र का सबसे पुराना गांव है रामा.   नीरज उत्तराखंडी, पुरोला  रामा सिरांई पट्टी के 12 गांव  का सियूड़िया देवता, केलापीर एवं नरसिंह देवताओं के मेले में बुधवार को रामा गांव में क्षेत्र की भारी भीड उमडी,हर वर्ष 22 गते भाद्रपद को 7 सितंबर सियूड़िया देवता के पशवा का मुहं because में लोहे व चांदी की छड सियूडा डालना लोगों के आस्था, आकर्षक का केंद्र है जिस रोचक नजारे देखने को कमल सिरांई व मोरी त्यूणी, पर्वत क्षेत्र व नौंगाव समेत सरबडियाड़ व दूर दराज गांव से सैकडों की भीड उमड़ती है. ज्योतिष मेले के दिन केलापीर व नरसिंह देव पशवा because की मौजदूगी में सियूड़िया महाराज ...
भाजपा नेता शादाब शम्स बने उत्तराखण्ड वक़्फ़ बोर्ड के नए अध्यक्ष

भाजपा नेता शादाब शम्स बने उत्तराखण्ड वक़्फ़ बोर्ड के नए अध्यक्ष

देहरादून
निर्विरोध चुने गए उत्तराखण्ड वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सचिवालय में हुआ वक़्फ़ बोर्ड उत्तराखण्ड के नए अध्यक्ष का चुनाव
कहानी: शीशफूल

कहानी: शीशफूल

किस्से-कहानियां
सुनीता भट्ट पैन्यूली कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि और कानों की एकाग्रता किसी भी विषयवस्तु को कहानियों का चोला पहना देती हैं. पलायन, बाढ़ या भूकंप के कारण लोग अपना घर छोड़कर कुछ अरसे के लिए बाहर ज़रुर चले जाते हैं किंतु आफत कम होते ही वापस अपने घर-परिवेश में आ जाते हैं. किंतु स्त्रियों के संदर्भ में ऐसा विरल ही होता है. वह पलायन नहीं करती हैं किसी भी हारी-बीमारी और विपदा में. उन्हें तो पेड़ की तरह फलने-फूलने के लिए उनकी जड़ों को एक जगह से खोदकर दूसरी जगह पर विस्थापित कर दिया जाता है . यद्यपि,अपनी मूल जगह से जहां कि उनकी जड़ों को मनमाफ़िक खाद-पानी मिल रहा था,मुश्क़िल होता है उनके लिए वह सब छोड़कर दूसरी ज़मीन पर जड़ें जमाकर पुनः हरा-भरा होना. किंतु फिर भी उन्हें जन्म से मिले संस्कार और सीख का परिणाम है कि अपने पैरों को नयी  ...
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मानिला के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मानिला के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ

अल्‍मोड़ा
हिमांतर संवाददाता, अल्मोड़ा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार, मानिला, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ किया गया. पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के उद्घाटन सत्र में विचार गोष्ठी एवं  सह-नवागंतुक स्वागत समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जया पांडे द्वारा की गयी. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने छात्रों को डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जीवन प्रसंग पर विस्तार से बताया तथा शिक्षा, शिक्षक और छात्र संबंध पर भी अपने विचार प्रस्तुत किए. इसी क्रम में डॉ. जया पांडे ने नवागंतुक छात्रों का महाविद्यालय परिवार में स्वागत भी किया. उद्घाटन सत्र के प्रथम चरण ‘विचार गोष्ठी’ में वक्ता के रूप में डॉ. रेखा, सहायक प्राध्यापिका, राजनीति विज्ञान विभाग व डॉ. धर्मेन्द्र यादव, सहायक प्राध्यापक, इतिहास विभाग ने शिक्षक दिवस का इतिहास, शिक्षा के विस्तार में प्...
टीचर्स डे: अनाथ बच्चों का भविष्य संवारेगी धामी सरकार!

टीचर्स डे: अनाथ बच्चों का भविष्य संवारेगी धामी सरकार!

देहरादून
टीचर्स डे पर सीएम धामी ने दिए छात्रों और शिक्षकों को कई तोहफे हिमांतर ब्यूरो, देहरादून उत्तराखंड की धामी सरकार न सिर्फ अनाथ बच्चों के आंसुओं को पोंछेगी बल्कि उनका भविष्य सँवार कर उनके चेहरे पर खुशियां लौटाएगी. इसको लेकर  राज्य सरकार जल्द बालाश्रय योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना के अन्तर्गत बच्चों को पुस्तकें, गणवेश, बैग, जूते एवं मोजे, लेखन सामग्री आदि निःशुल्क दी जायेगी. राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास में छात्र-छात्राओं की भोजन व्यवस्था हेतु रू0 100 दिन की दर से धनराशि दी जायेगी तथा केन्द्र पोषित योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि के अतिरिक्त होने वाला व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में राज्य सरकार ने शिक्षा व...
सल्ट का सत्याग्रह आंदोलन

सल्ट का सत्याग्रह आंदोलन

इतिहास
चंद्रशेखर तिवारी उत्तराखण्ड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है. तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद कमी, लखौरी मिर्च की पैदावार और पशुधन के नाम पर हष्ट-पुष्ट बैल इस इलाके की खास पहचान है. प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सल्ट का इलाका चार पट्टियों (राजस्व इकाई) में बंटा हुआ है. दूधातोली पर्वत़ श्रेणी के पनढाल से निकलने वाली पश्चिमी रामगंगा नदी चैखुटिया, मासी व because भिकियासैण होकर सल्ट इलाके को छूते हुए भाबर प्रदेश को चली जाती है. स्थानीय लोक गाथाओं के अनुसार यह इलाका ’राजा हरुहीत’ की कर्मभूमि रहा है. राजा हरुहीत का जन्म आज से तकरीबन 200 साल पहले तल्ला सल्ट पट्टी के गुजड़ूकोट गांव में हुआ था. राजा हरुहीत अपनी वीरता के साथ ही अपनी दयालुता व न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे. इनके बारे में मान्यता है कि अपनी अथक मेहनत से इन्होंने बंजर पड़ी जमीन को खेती-पाती स...