UP चुनाव से अनुराग ठाकुर ने फिर किया खुद के लीडरशिप गुण को साबित, बने और भरोसेमंद।

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अरविन्द मालगुड़ी, वरिष्ठ पत्रकार

उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में बीजेपी ने जहाँ सभी को मात दे कर अपना परचम लहरा दिया वहां उसने एक चुनावी रणनीतिकार के रूप में अनुराग ठाकुर जैसा नेता जिसने राजनीतिक कुशलता से विपक्ष की धार कुंद करने का काम किया को परखा और अनुराग कसौटी पर खरे उतरे। कई बार अपनी राजनीतिक कुशलता का परिचय दे चुके अनुराग ठाकुर युवाओं में खासे लोकप्रिय हैं ,यूपी में इस बार जिस तरीके से अनुराग ठाकुर ने यूपी को अपना घर बना लिया और दौरे किये साथ ही चुनाव को एक धार दे कर सबको अपना मुरीद बना लिया। उनके धारदार चुनाव प्रचार ने बीजेपी कार्यकर्ताओं में अलग ही उर्जा दी और इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों में देखने को मिला है। योगी जी भी जीतने के बाद जब दिल्ली पहुंचे तो उनसे मिलने उनके घर पर पहुंचकर उनकी धमक को दिखा दिया।

उत्तर प्रदेश भारत के उन राज्यों में है जहाँ पर युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या है जो लगभग 50 फीसदी के आस पास है और ये मतदाता किसी भी पार्टी की किस्मत बदल सकते हैं। सभी पार्टियां इन्हें हमेशा से अपने पक्ष में करने के लिये कई हथकंडे अपनाती आयी है। इन्हीं मतदाताओं को अपने पाले में करने और रिझाने के लिए भाजपा, यूथ आइकॉन माने जाने वाले ,युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय व सबसे युवा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर दांव लगाया और अनुराग ने न केवल युवाओं को साधा बल्कि जिस सधे अंदाज़ में चुनावी कमान को संभाला उसने विपक्ष को चरों खाने चित्त कर दिया ।

अपने लीडरशिप गुण को बार- बार किया है किया साबित

अनुराग ठाकुर पर भरोसा करने की कई सारी वजह भाजपा संगठन के पास थी अनुराग का पिछला प्रदर्शन रिजल्ट ओरिएंटेड रहा है वो जब युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे तब से अब तक उन्होंने हमेशा से प्रभावी रूप से काम किया है। तब से अब तक उन्होंने युवाओं को अपने आस पास ही केंद्रित रखा है आज भी भाजपा युवा मोर्चा के बीच वो काफी प्रसिद्ध हैं। इसके पहले जब अनुराग ठाकुर को हाल ही में जम्मू – कश्मीर में हुए लोकल बॉडी के चुनाव की ज़िम्मेदारी दी गई थी जो उन्होंने बख़ूबी निभाई और पार्टी ने इन चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर पहली बार कश्मीर घाटी में भी अपनी उपस्थिति दर्ज़ की थी । तब भी उनका जादू मतदाताओं सर चढ़ कर बोला था और उनके काम करने के तरीके को पार्टी में काफी सरहाना मिली थी ।

अनुराग की पहचान एक अच्छे वक्ता के तौर पर भी है उनके कई संसद में दिए गए भाषण सोशल मिडिया पर वाइरल हो चुके हैं वे हमेशा से संसद में और बाहर राहुल गाँधी को घेरते आये हैं और अपनी बोलने के प्रभावी तरीके से उनकी बात हाथों हाथ लोगों ने ली है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में एक बार फिर अनुराग ठाकुर ने अपने लीडरशिप गुण को साबित किया.

बीजेपी संगठन ने अनुराग ठाकुर की चुनावी प्रबंधन में कुशलता को देखते हुए यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उनको सह प्रभारी घोषित किया जिसके बाद अनुराग ठाकुर ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए यूपी को अपना घर बना लिया में जमकर यूपी के कोने कोने को समझा जिसमें उनके युवा मोर्चे के संगठन ने भरपूर साथ निभाया। युवा मोर्चा के कई लोग कहते हैं कि आज भी हर राज्य के युवा मोर्चा पर उनकी छाप और मजबूत पकड़ है जिसे पार्टी अच्छी तरह जानती है और जिसका फायदा उत्तर प्रदेश के बड़े चुनाव में पार्टी चाहती थी और उन्होंने कर दिखाया। कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मतदाताओं तक अपनी बात को पहुंचाने का काम जिस सटीक तरीके से अनुराग ठाकुर ने किया , उन्होंने विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया. इससे उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पक्ष में एक हवा थी उसने तूफान का रूप ले कर विपक्ष को ढेर कर दिया।

अनुराग ठाकुर के युवा होने के साथ उनका खेल और खेलों की राजनीति दोनों का व्यापक अनुभव है । खेल के प्रति जुनूनी अनुराग के बारे में कहा जाता है कि वो परफ़ॉरमेंस के का विशेष ध्यान रखते हैं, ख़ुद की भी और दूसरों की भी और यही बात आज उन्हें इस मुकाम तक ले आई है । 25 साल की उम्र में अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष से भारतीय जूनियर क्रिकेट टीमों का चयन करने के लिए 26 साल की उम्र में सबसे युवा राष्ट्रीय चयनकर्ता से लेकर बीसीसीआई के संयुक्त सचिव रहे और फिर दूसरे कम उम्र के बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गये। तब से अब तक वे किसी न किसी रूप में खेलों से जुड़े हैं । इसके अलावा वे हिमाचल प्रदेश राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश ओलंपिक संघ के महासचिव, हॉकी हिमाचल प्रदेश के महासचिव,भारतीय ओलंपिक संघ के कार्यकारी सदस्य होने का भी अनुभव रखते हैं और यही व्यापक अनुभव उनको एक अलग पायदान पर खड़ा करता है ।

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