Tag: कन्यादान

वेड इन उत्तराखंड : त्रिजुगीनारायण में शादी के लिए दुनिया भर से आ रहे हैं जोड़े

वेड इन उत्तराखंड : त्रिजुगीनारायण में शादी के लिए दुनिया भर से आ रहे हैं जोड़े

रुद्रप्रयाग
शादियों के सीजन में रहती है एडवांस बुकिंग, इस साल अब तक 500 से अधिक शादियां हुईं रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित, शिव- पार्वती का विवाहस्थल त्रिजुगीनारायण वैश्विक वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है. जहां देश विदेश से लोग सनातन परम्पराओं के अनुसार विवाह करने के लिए पहुंच रहे हैं. शादियों के सीजन में अब यहां हर महीने 100 से अधिक शादियां हो रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई मौकों पर डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए उत्तराखंड की ब्रांडिंग कर चुके हैं. इसका असर, त्रिजुगीनारायण मंदिर में साफ तौर पर नजर आ रहा है. जहां लोग देश विदेश से डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए पहुंच रहे हें. इससे यहां होटल कारोबारियों से लेकर पंडे पुजारियों, वेडिंग प्लानर, मांगल टीमों और ढोल दमौ वादकों सहित कई अन्य लोगों को काम मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद, उत्तराखंड में देश विदेश के लोग डेस्टिनेशन वेडिंग ...
‘गिदारी आमा’ के विवाह गीत

‘गिदारी आमा’ के विवाह गीत

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चंद तिवारी "पिछले लेखों में शम्भूदत्त सती जी के 'ओ इजा' उपन्यास के सम्बन्ध में जो चर्चा चल रही है,उसी सन्दर्भ में यह महत्त्वपूर्ण है कि इस रचना का एक खास प्रयोजन पाठकों को पहाड़ की भाषा सम्पदा और वहां प्रचलित लोक संस्कृति के विविध पक्षों तीज-त्योहार, मेले-उत्सव खान-पान आदि से अवगत कराना भी रहा है.जैसा कि लेखक ने अपनी पुस्तक की प्रस्तावना में लिखा है- “पाठकों के समक्ष यह उपन्यास प्रस्तुत करते हुए मैं इस बात का निवेदन करना चाहता हूँ कि दिनोंदिन गांवों का शहरीकरण होने के कारण उसकी बोली, खान-पान, रहन-सहन, लोक-परम्पराएं और लोक भाषाएं विलुप्त होती जा रही हैं.इसलिए यहां मैंने कुमाऊंनी बोली (जो लगभग विलुप्त होने के कगार पर है) को अपनी बात कहने का माध्यम बनाकर प्रस्तुत उपन्यास में कुमाऊंनी हिंदी का प्रयोग किया है.” इस उपन्यास में 'झंडीधार' गांव की 'आमा' का एक किरदार कुछ ऐसा ही है,जो गा...