![लंबे अंतराल तक जेहन में प्रभाव छोड़ती डॉ कुसुम जोशी के लघुकथा संग्रह की कहानियां](https://www.himantar.com/wp-content/uploads/2021/01/7b79a424-143b-45d0-9571-72d417814b1c.jpg)
लंबे अंतराल तक जेहन में प्रभाव छोड़ती डॉ कुसुम जोशी के लघुकथा संग्रह की कहानियां
डॉक्टर कुसुम जोशी का पहला लघुकथा संग्रह है 'उसके हिस्से का चांद'। इस संग्रह की लघुकथाएं बेहद सधी हुई हैं, जो कि लेखन की परिपक्वता, गहन अध्ययन और अनुभव की बारीकी से उपजी हैं। हर लघुकथा खत्म होने के लंबे अंतराल तक ज़ेहन में अपना प्रभाव छोड़ती हैं और हर कहानी का शीर्षक बेहद प्रभावशाली तरीके से उसका प्रतिनिधित्व करता है। इन लघु कथाओं को पढ़ते वक्त ऐसा महसूस होता है कि इनके पाठ और पुर्नपाठ की न सिर्फ आवश्यकता है बल्कि, इनको लेकर गहन विमर्श और शोध की भी जरूरत है। ये लघुकथाएं विषय विविधता, सोच की गहराई और अपने शिल्प व संवाद से न सिर्फ पाठकों को संतुष्ट करती हैं, बल्कि प्रभावित करते हुए समाधान भी दे जाती हैं।
संवेदनात्मक स्तर पर ये लघु कथाएं जितने भीतर तक उद्वेलित करती हैं, उतना ही वैचारिक सवाल भी खड़ा करती हैं। नैतिकता का पाठ पढ़ाती हैं, तो विचारधारा का ढकोसलनापन भी उजागर करती हैं। इन लघु कथाओ...