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गोरिल के पिता हालराई थे या झालराई?

गोरिल के पिता हालराई थे या झालराई?

धर्मस्थल
एक गवेषणात्मक विवेचना डॉ. मोहन चंद तिवारी न्याय देवता गोरिल से सम्बंधित चर्चा के संदर्भ में प्रायः यह जिज्ञासा प्रकट की जाती रही है कि गोरिल के पिता का नाम हालराई था अथवा झालराई? यह जिज्ञासा इसलिए भी स्वाभाविक है कि मैंने प्रो.हरि नारायण दीक्षित जी द्वारा रचित महाकाव्य ‘श्रीग्वल्लदेवचरितम्’ के संदर्भ में जो समालोचनात्मक चर्चा चलाई है,उसके अनुसार ग्वेलदेवता के पिता because का नाम हालराय ही है. किन्तु सामान्य रूप से देखा जाए तो ग्वेलदेवता के पिता के सम्बंध में दोनों प्रकार की मान्यताएं लोक प्रचलन में हैं. कहीं जागर कथाओं में ग्वेल देवता के पिता का नाम झालराई तो कहीं हालराई गाया जाता है. ग्वेलदेवता विषयक लिखित साहित्य में भी दो तरह के संस्करण प्रचलित हैं.कहीं झालराई को तो कहीं हालराई को गवेल्ज्यू का पिता कहा गया है. नेता जी इतिहासकार ई टी एटकिंसन, तारादत्त गैरोला, डा. देवसिंह पो...
दुदबोलि के पहरू थे मथुरा दत्त मठपाल

दुदबोलि के पहरू थे मथुरा दत्त मठपाल

साहित्‍य-संस्कृति
कृष्ण चन्द्र मिश्रा कुमाउनी भाषा के कवि और दुदबोलि के पहरू(रक्षक) मथुरादत्त मठपाल 'मनख' का जन्म 29 जून 1941 ईस्वी को हुआ. इनकी जन्म स्थली अल्मोड़ा जिला के भिक्यासैंण ब्लॉक का नौला गांव था. यह गांव पश्चिमी रामगंगा because नदी के बाएं किनारे पर बसा हुआ है. इनके पिता स्व. हरिदत्त मठपाल स्वतन्त्रा संग्राम सेनानी थे. देश आजाद होने से पहले वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य थे. इनकी माँ कान्ति देवी कर्मठ महिला थीं. इनका परिवार संपन्न था. मथुरादत्त मठपाल मठपाल जी की पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल से शुरू हुई, सन् 1951 ई0 में प्राथमिक विद्यालय विनायक से दर्जा 5 पास किया, मानिला मिडिल स्कूल से 8 वीं कक्षा पास की. रानीखेत नेशनल हाईस्कूल से सन् 1956 ई0 में दसवीं और रानीखेत because मिशन इण्टर कॉलेज से इण्टरमीडिएट पास किया. लखनऊ विश्वविद्यालय में बी0एस0सी0 प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया कि...
न्यायदेवता ग्वेलज्यू की जन्मभूमि कहां? धूमाकोट में, चंपावत में या नेपाल में?

न्यायदेवता ग्वेलज्यू की जन्मभूमि कहां? धूमाकोट में, चंपावत में या नेपाल में?

अल्‍मोड़ा
डॉ. मोहन चन्द तिवारी उत्तराखंड के न्याय देवता ग्वेलज्यू के जन्म से सम्बंधित विभिन्न जनश्रुतियां एवं जागर कथाएं इतनी विविधताओं को लिए हुए हैं कि ग्वेल देवता की वास्तविक जन्मभूमि निर्धारित करना आज भी बहुत कठिन है. because न्याय देवता की जन्मभूमि धूमाकोट में है,चम्पावत में है या फिर नेपाल में? इस सम्बंध में भिन्न भिन्न लोक मान्यताएं प्रचलित हैं. कहीं ग्वेल देवता को ग्वालियर कोट चम्पावत में राजा झालराई का पुत्र कहा गया है तो किसी जागर कथा में उन्हें नेपाल के हालराई का पुत्र बताया जाता है. विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित पारम्परिक जागर कथाओं और लोकश्रुतियों में भी but न्यायदेवता ग्वेल की जन्मभूमि के बारे में अनिश्चयता की स्थिति देखने में आती है. पिछले कुछ वर्षों में जो ग्वेल देवता से सम्बंधित लिखित साहित्य सामने आया है,उसमें भी जन्मभूमि के सम्बंध में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. उदाहरण के ...