Tag: महासू महाराज

हनोल : जन भावनाओं एवं वैज्ञानिक तरीके से होगा मंदिर परिसर का विस्तार : सविन बंसल

हनोल : जन भावनाओं एवं वैज्ञानिक तरीके से होगा मंदिर परिसर का विस्तार : सविन बंसल

देहरादून
डीएम संग हनोल परिसर में स्थानिकों से विमर्श, उनकी शंकाओं का किया निराकरण हनोल. जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रात: हनोल मंदिर में देवता के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में पुजारियों, समिति के सदस्यों स्थानीय निवासियों से बैठक कर मास्टर प्लान पर विमर्श किया. उन्होंने हनोल मंदिर परिसर का निरीक्षण करते हुए मास्टर प्लान में प्रस्तावित पार्किंग स्थल, प्रस्तावित सराय धर्मशाला आदि का निरीक्षण करते हुए स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा— निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि खुली बैठक में प्राप्त सुझाव एवं स्थानीय निवासियों, जनमानस हक हकूकधारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्लान में संशोधन किया जाएगा. साथ ही स्थानीय निवासियों की समस्याओं को दूर करते हुए कहा कि हनोल मंदिर परिसर के लिए स्वीकृत समुचित धनराशि का उपयोग मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार के लिए ही किया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि खुली बैठ...
रवांई बसंतोत्सव एवं विकास मेले का दूसरा दिन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मचाया धमाल

रवांई बसंतोत्सव एवं विकास मेले का दूसरा दिन, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मचाया धमाल

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, पुरोला तीन दिनों तक जारी मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार को मौसम साफ होते ही रवांई बसंतोत्सव एवं  विकास मेले के दूसरे दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उमड़े. शनिवार को रवांई, जौनपुरी और जौनसारी संस्कृति की झलक पेश करने वाली प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया.  रवांई बसंतोत्सव एवं कृषि विकास मेले का दूसरा दिन सांस्कृतिक विरासत और लोक कलाओं के प्रदर्शन का एक शानदार अवसर साबित हुआ. इस मेले ने न केवल स्थानीय कलाकारों को एक मंच प्रदान किया, बल्कि रवांई की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. रवांई-जौनसार के प्रसिद्ध गायक अत्तर शाह, महासू महाराज की हारूल से गायन की शुरुआत की. उनके गीत “सीगतूर बुमली नाची”, “जमुना कू पाणी अगलाड़ की मांछी” और गढ़वाली, जौनपुरी, जौनसारी एवं रवांल्टी गीतों ने दर्शकों ...
आस्था का सैलाब: चालदा महासू महाराज की प्रवास यात्रा का क्रम

आस्था का सैलाब: चालदा महासू महाराज की प्रवास यात्रा का क्रम

देहरादून
भारत चौहान कश्मीर से हनोल की महासू महाराज की प्रवास यात्रा का एक लंबा क्रम है, हनोल (Hanol) में प्रकटीकरण के पश्चात बोटा महाराज हनोल में ही विराजित रहते हैं. जबकि चालदा महाराज जौनसार-बावर, उत्तरकाशी (Uttarkashi) एवं हिमाचल (Himachal) प्रदेश में प्रवास करते हैं. चालदा महाराज की प्रवास यात्रा के इतिहास की लंबी कढ़ी है परंतु ब्रिटिश सरकार ने चालदा महाराज के प्रवास को दो भागों में विभक्त किया एक भाग साटी बिल (तरफ) मतलब जौनसार बावर एवं आंशिक हिमाचल का क्षेत्र जिसके वजीर दीवान सिंह जी है जो बावर क्षेत्र के बास्तील गांव के निवासी है और दूसरा भाग पासी बिल मतलब उत्तरकाशी जनपद व हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र. जिसके वजीर जयपाल सिंह जी है जो ठडीयार गांव के निवासी है. (यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है कि चालदा महाराज के वजीर महाराज के प्रवास यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था करते हैं. कहां पर कब प्रवास होना है यह...
आस्था का उमड़ा जनसैलाब, चालदा महाराज की अद्भुत प्रवास यात्रा व्यवस्था

आस्था का उमड़ा जनसैलाब, चालदा महाराज की अद्भुत प्रवास यात्रा व्यवस्था

नैनीताल
भारत चौहान जौनसार बावर, उत्तरकाशी एवं हिमाचल क्षेत्र के आराध्य महासू महाराज के प्रति यहां के स्थानीय लोगों की अपार श्रद्धा व आस्था है. विगत दिनों चालदा महाराज की मोहना मे 2 वर्ष रुकने के because पश्चात जब प्रवास यात्रा समालटा के लिए प्रस्थान की तो हजारों लोगों की आंखें नम थी, की अब महाराज वापस कब आएंगे?  यात्रा प्रारंभ हुई और 23 नवंबर की रात को चालदा महाराज समालटा गांव खत मझियारना में विराजित हुए, इस यात्रा में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा,  हजारों लोगों ने देव दर्शन किए, मन्नते मांगी व क्षेत्र की खुशहाली के लिए अपने इष्ट देव से प्रार्थना की. ज्योतिष यात्रा का प्रारंभ जौनसार बावर के मोहना गांव से हुआ जहां हजारों लोगों ने चालदा महाराज को समालटा के लिए विदा किया.यात्रा के आगे - आगे देव के प्रतीक के रूप में गाडवे (देवता के नाम के बकरे) चल रहे थे उसके पीछे हजारों का जनसैलाब कंधे पर महाराज क...