Tag: भांग की चटनी

पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार है भांग की चटनी!

पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मददगार है भांग की चटनी!

उत्तराखंड हलचल, सेहत
भांग की चटनी उत्तराखंड की खानपान संस्कृति का प्रतीक है. इसका इतिहास स्थानीय संसाधनों के कुशल उपयोग और पारंपरिक ज्ञान से जुड़ा हुआ है. यह न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक है, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती है. आज यह व्यंजन उत्तराखंड की पहचान बन चुका है और अपनी लोकप्रियता के कारण देश-विदेश तक पहुंच चुका है. भांग के बीज प्रोटीन, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. यह चटनी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि सर्दियों में गर्माहट प्रदान करती है और शरीर को ऊर्जा देती है. भांग की चटनी इस राज्य के खानपान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है और इसे सदियों से यहां के लोग चाव से खाते आ रहे हैं. भांग का उल्लेख अथर्ववेद में देवताओं के प्रिय पौधों में से एक के रूप में किया गया है. इसे पवित्र माना गया और इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में भी होता रहा है. हालांकि, भांग की ...
सोनप्रयाग का ‘पहाड़ी किचन’ यानी आर्गेनिक उत्पादों से बने खाने का जायका

सोनप्रयाग का ‘पहाड़ी किचन’ यानी आर्गेनिक उत्पादों से बने खाने का जायका

रुद्रप्रयाग
अर्जुन सिंह रावत भारत के लोग घूमने और एक से दूसरे राज्य के खाने का जायका लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. चारधाम का अहम पड़ाव होने के कारण केदारनाथ हमेशा से ही because श्रद्धालुओं के ट्रैवल मैप में रहता है. पिछले कुछ वर्षों में केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को पहाड़ों के आथेंटिक जायके से रूबरू कराने और उन्हें सफर की 'जायकेदार' यादों देने के लिए केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में पहाड़ी किचन की शुरुआत हुई है. उत्तराखंड केदारनाथ यात्रा में आने वाले कई लोग पहाड़ी खाने का स्वाद लेने की इच्छा रखते हैं. सोनप्रयाग में लोगों को आर्गेनिक पहाड़ी उत्पादों से तैयार खाने का विकल्प देने के लिए because ‘पहाड़ी किचन’ की शुरुआत की गई. 24 मई, 2019 को ‘पहाड़ी किचन’ एक प्रयोग के तौर पर शुरु हुआ, लेकिन अपने खास तरह के स्वाद के...