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प्रयागराज महाकुंभ : संतो के समागम में मुख्यमंत्री धामी का हुआ सम्मान

प्रयागराज महाकुंभ : संतो के समागम में मुख्यमंत्री धामी का हुआ सम्मान

देश—विदेश
समान नागरिक संहिता लागू करने पर संत समाज ने प्रयागराज महाकुंभ में मुख्यमंत्री का किया अभिनंदन प्रयागराज. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आचार्य शिविर, सेक्टर-09, गंगेश्वर मार्ग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित 'समानता के साथ समरसता' कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस अवसर पर सभी संतो ने उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया. संतो द्वारा पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतो को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है. उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू करना, विकसित भारत की ओर कद...
उत्तराखंड की बद्री गाय पूजी जाएगी प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद व गौ संसद में 

उत्तराखंड की बद्री गाय पूजी जाएगी प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद व गौ संसद में 

दिल्ली-एनसीआर
सी एम पपनैं नई दिल्ली. प्रयागराज में आगामी 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने जा रहे महाकुंभ मेले में पहली बार उत्तराखंड की अति विशिष्ट बद्री गाय सहित अन्य 51 नस्ली गायों को उनकी भव्य पूजा अर्चना हेतु आमंत्रित किया गया है. महाकुंभ में आयोजित भव्य धर्म संसद व गौ संसद में ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती-1008 सहित सभी शंकराचार्यों द्वारा गौ पूजन कर गौ माता-राष्ट्र माता का संकल्प लेकर गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के लिए 24 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. आमंत्रित नस्ली गायों में देवभूमि उत्तराखंड के हिमालयी अंचल में पाली जाने वाली बद्री गाय को एक विशिष्ट गाय के तहत प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित धर्म संसद व गौ संसद हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. जिस हेतु विगत कई वर्षों से गोपाल मणी महाराज के सानिध्य में 'गौ माता राष्ट्र माता' आन्दोलन से ...
बेमौसम बुराँश

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किस्से-कहानियां
कहानी प्रतिभा अधिकारी ट्रेन दिल्ली से काठगोदाम को रवाना हो गयी, मनिका ने तकिया लगा चादर ओढ़ ली,  नींद कहाँ आने वाली है उसे अभी; अपने ननिहाल जा रही है वह ‘मुक्तेश्वर’. उसे मुक्तेश्वर की संकरी सड़कें और हरे-धानी लहराते खेत और बांज के वृक्ष दिखने लगे हैं अभी से, इस बार खूब मस्ती करेगी वह... सारे मामा-मौसी के बच्चे जो इक्कट्ठे हुए हैं वहाँ, शायद ये उसका नानी के घर मौज-मस्ती का आखिरी वर्ष हो. दिल्ली के एक प्रतिष्ठित इन्जीनियरिंग कॉलेज की तीसरे वर्ष की छात्रा है वह; चौथा साल प्रोजेक्ट बनाने और इंटरव्यू देने में गुजरेगा और फिर नौकरी-नौकरी और बस नौकरी! फिर कहाँ मिलने वाले हैं उसे ये दिन! मन ही मन मुस्कुरा रही है वह. 'आजकल तू फेसबुक पर कुछ ज्यादा बैठने लगी है'  दीदी की इस आवाज ने उसकी नींद को आने से रोक दिया.... अचकचा कर उसने आँखे खोल दीं, दी यहाँ ट्रेन में भी पीछा नहीं छोड़ रही उसका....