Tag: तनाव

आधुनिक जीवन का सर्वव्यापी हिस्सा है तनाव!

आधुनिक जीवन का सर्वव्यापी हिस्सा है तनाव!

सेहत
  सी.ए. पीयूष शर्मा आधुनिक जीवन, विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण करियर में लगे पेशेवरों के लिए, तनाव एक अपरिहार्य साथी बन गया है। इस जटिल घटना को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए, हमें इसकी प्रकृति, विभिन्न रूपों और व्यक्तिगत जीवन में इसके प्रकटीकरण को गहराई से समझना आवश्यक है। तनाव क्या है?   तनाव, मूल रूप से, शरीर की किसी भी मांग के प्रति एक जटिल प्रतिक्रिया है। यह शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं का एक जटिल परस्पर क्रिया है, जो हमें चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने में सक्षम बनाती है। शारीरिक प्रतिक्रियाएँ: एक सूक्ष्म विश्लेषण जब शरीर किसी खतरे का अनुभव करता है, चाहे वह वास्तविक हो या कथित, तो यह हार्मोनल प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला शुरू करता है। एड्रेनालाईन, एक हार्मोन जो अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा स्रावित होता है, हृदय गति में वृद्धि, श्वसन दर में वृद्धि ...
मानसिक स्वास्थ्य के लिए चाहिए शान्ति और सौहार्द

मानसिक स्वास्थ्य के लिए चाहिए शान्ति और सौहार्द

सेहत
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र बचपन से यह कहावत सुनते आ because रहे हैं “जब मन चंगा तो कठौती में गंगा” यानी यदि मन प्रसन्न हो तो अपने पास जो भी थोड़ा होता है वही पर्याप्त होता है.  पर आज की परिस्थितियों मन चंगा नहीं हो पा रहा है और स्वास्थ्य और खुशहाली की जगह रोग व्याधि के चलते लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है. लोगों का मन खिन्न होता जा  रहा है और वे निजी जीवन में भी असंतुष्ट रह रहे हैं और संस्था तथा समुदाय के लिए भी उनका योगदान कमतर होता जा रहा है. समाज के स्तर  पर जीवन की गुणवत्ता घट  रही है और हिंसा, भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, अपराध और सामाजिक भेद-भाव जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं. चिंता की बात यह है की उन घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता भी घट रही है और उनकी व्याख्या अपने लाभ के अनुसार की जा रही है. बचपन हम एक because  नए ढंग का भौतिक आत्मबोध ...