
महिलाओं के हुनर से बाजार में चमक बिखेरते लोहे के बर्तन
डॉ. मोहन भुलानी
चम्पावत जनपद में स्थित लोहाघाट छोटा सा कस्बा अपनी प्राचीन लौहशिल्प की क़ारीगरी के लिए सदियों से जाना जाता है. यहां की मिट्टी में मेहनत और हुनर की खुशबू बसी है. अगर आप परंपरा और आधुनिकता के अद्भुत समावेश को देखना चाहते हैं, तो लोहाघाट के ग्रोथ सेंटर में जरूर आएं. यकीन मानिए, यहां के लोगों, खासकर महिलाओं ने इस प्राचीन कला को नया रूप देकर उद्यमिता की एक शानदार मिसाल पेश की है.
इस ग्रोथ सेंटर में कदम रखते ही लोहे को आग में तपाकर आकार देने की प्रक्रिया का जादू दिखेगा. यहां की महिलाएं तरह-तरह के उत्पाद बनाती हैं- कढ़ाई, तवा, तड़का पैन, डोसा तवा, और न जाने क्या-क्या. ये उत्पाद आज न केवल उत्तराखंड में, बल्कि दिल्ली, मुंबई, गोवा, पंजाब जैसे देश के कोने-कोने में अपनी पहचान बना रहे हैं. लोहाघाट का लोहा अब एक ब्रांड बन चुका है.
नारायणी देवी, जो वर्षों से इस काम में जुटी ह...