स्वतंत्र भारत में स्वराज की प्रतिष्ठा

स्वतंत्र भारत में स्वराज की प्रतिष्ठा

स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2022) पर विशेष  प्रो. गिरीश्वर मिश्र  आज़ादी मिलने के पचहत्तर साल बाद देश स्वतंत्रता का ‘अमृत महोत्सव’ मना रहा है तो यह विचार करने की इच्छा और स्वाभाविक उत्सुकता पैदा होती है कि स्वतंत्र भारत का जो स्वप्न देखा गया था वह किस रूप में यथार्थ के धरातल पर उतरा. स्वाधीनता संग्राम का […]

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 आज भी प्रासंगिक हैं ‘गांधी-गीता’ के प्रजातांत्रिक मूल्य

आज भी प्रासंगिक हैं ‘गांधी-गीता’ के प्रजातांत्रिक मूल्य

डॉ. मोहन चंद तिवारी प्रोफेसर इन्द्र की ‘गांधी-गीता’ दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के स्नातक स्तर के ‘भारतीय राष्ट्रवाद’ के पाठ्यक्रम में निर्धारित एक महत्त्वपूर्ण रचना है. यह पुस्तक सन् 1950 में प्रकाशित हुई थी जो अब दुर्लभप्राय है.मैं अपने फेसबुक पर गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय महोत्सवों के अवसर पर because […]

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