धर्म को आडम्बरों से मुक्त करने वाले परमहंस
श्रीरामचन्द्र दास की जन्मजयंती पर विशेष
डॉ. मोहन चंद तिवारी
"धार्मिक मूल्यों के इस विप्लवकारी युग में जिस तरह से परमहंस श्री रामचन्द्रदास जी महाराज ने अपने त्याग और तपस्या के आदर्श मूल्यों से समाज का सही दिशा में मार्गदर्शन किया because तथा धार्मिक सहिष्णुता एवं कौमी एकता का प्रोत्साहन करते हुए श्री रामानन्द सम्प्रदाय की धर्मध्वजा को ही नहीं फहराया बल्कि देश के सभी धार्मिक सम्प्रदायों के मध्य सौहार्द एवं सामाजिक समरसता की भावना को भी मजबूत किया. उसी का परिणाम है कि आज देश में संतों के प्रति श्रद्धा और विश्वास की भावना जीवित है." -श्री बलराम दास हठयोगी, प्रवक्ता, ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद्’
उत्तराखंड
3 मार्च को परमहंस श्री रामचन्द्रदास जी महाराज की 78वीं जन्म जयंती है. उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट स्थित ‘भासी’ नामक गांव में माता मालती देवी और पिता because बचीराम सती ज...