पुरोला—मोरी: भेड़ पालकों का जीवन बीमा करने की मांग!
नीरज उत्तराखंडी
भेड़ पहाड़ की आर्थिकी की रीढ़ है लेकिन उचित प्रोत्साहन न मिलने से भेड़ -बकरी पालन व्यवसाय दम तोड़ता नजर आ रहा है. आधुनिक सुख सविधाओं की ओर दौड़ती युवा पीढ़ी पारम्परिक व्यवसाय भेड़ बकरी पालन से विमुख होती जा रही है. जिसकी एक बडी वजह भेड़ पालकों की सरकारी अनदेखी भी शामिल है. उचित सहयोग प्रोत्साहन न मिले से युवा पीढ़ी इस पुश्तैनी व्यवसाय से मुख मोड़ने लगी है. पहाड़ की जवानी रोटी रोजगार की तलाश में मैदान की खाक छान रही है.आज के युवक भेड़ पालन व्यवसाय पर रुचि नहीं ले रहे हैं. जिससे लगातार भेड़-बकरी व्यवसायियों की संख्या में भारी गिरावट आ रही है.
उच्च हिमालय की सुन्दर घाटियों में समुद्रतल से 3566 मीटर (11700 फीट) की ऊंचाई पर भेड़ पालक बेखौफ मौसम की मार झेल कर भेड़ बकरी व्यवसाय पालन करते है. प्रतिकूल परिस्थितियों में धूप, बारिश, सर्दी आसमानी बिजली के संकट से...