Tag: बौंगाण औनि बौंगाणी

बौंगाणी खुमळी का आयोजन

बौंगाणी खुमळी का आयोजन

देहरादून
"बौंगाण औनि बौंगाणी" समूह द्वारा विकासनगर में एक बौंगाणी खुमळी (बैठक) का आयोजन किया। जिसमें काफ़ी लोगों ने प्रतिभाग किया। बैठक का आयोजन पैराडाइज गार्डन में हुआ, जिसका उद्देश्य बौंगाणी भाषा/बोली को लेकर एक मिलन समारोह था, जिसमें कई वक्ताओं ने अपनी भाषा, समाज, संस्कृति और क्षेत्र की बेहतरी हेतु विचार रखे। खुमळी के आयोजक श्री सुरेश रावत ने कहा कि यह हमारी भाषा के संरक्षण हेतु एक छोटा सा प्रयास था, जिसे समय–समय पर करने की अवश्यकता है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए राधा रावत ने खुमळी के परिचय और पहली बौंगाणी पत्रिका "इजा़ज़" पर विस्तृत चर्चा की। शुबा ने खुमळी में कुछ रोचक खेलों के आगाज़ के साथ शब्दकोश की अंताक्षरी खेली, जिसके लिए पर्ची निकालकर शब्दों का चयन किया गया। मोहन चौहान ने पत्रिका को व्यापक रूप देने हेतु सभी के सहयोग की कामना के साथ बुजाऊणी के माध्यम से लोगों के साथ बातचीत की। बौं...
पहली बौंगाणी पत्रिका इज़ाज़ का लोकार्पण

पहली बौंगाणी पत्रिका इज़ाज़ का लोकार्पण

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून पेटारै थियेटर समर वैली स्कूल देहरादून में बौंगाण औंनि बौंगाणी समूह द्वारा बौंगाण के प्रथम लेखक श्री सुरेंद्र सिंह रावत ‘सुराह’ की जयंती पर एक महत्वपूर्ण बौंगाणी खुमळी  (बैठक) आयोजन किया गया. ज्ञातव्य है बौंगाण मोरी तहसील के अंतर्गत टौंस और पब्बर नदियों के बीच पड़ने वाला इलाका है. यहाँ के लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा को बौंगाणी कहते हैं. ये बैठक बौंगाणी भाषा के इतिहास की पहली ऐसी बैठक थी जहाँ इस भाषा के बचाव और उन्नयन का विषय केन्द्र में था और इस बैठक में सिर्फ बौंगाणी लोग ही आमंत्रित थे. बौंगाण औनि बौंगाणी समूह के दो प्रमुख सदस्यों सुनीता मोहन और मंजु रावत 'राधा' द्वारा आये हुए लोगों के स्वागत संबोधन से बैठक की शुरुआत की. "बौंगाण औनि बौंगाणी" समूह द्वारा गत एक वर्ष से बौंगाणी भाषा का जन शब्दकोष तैयार किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक दिन बौंगाणी भ...