Tag: प्रधानमंत्री

दीपावली के ये दीपक भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज : प्रधानमंत्री  

दीपावली के ये दीपक भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज : प्रधानमंत्री  

देश—विदेश, लोक पर्व-त्योहार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की भव्य दीपोत्सव समारोह की शुरुआत  हिमांतर ब्यूरो प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए भगवान राम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि आज अयोध्या जी दीपों से दिव्य हैं और भावनाओं से भव्य हैं. प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, आज अयोध्या नगरी भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे पहले यहां राज्यभिषेक के लिए आए थे तो उनके अंदर भावनाओं की लहरें दौड़ रही थीं. प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रशंसावश आश्चर्य व्यक्त किया कि जब भगवान श्री राम 14  वर्ष के वनवास के बाद लौटे होंगे तो अयोध्या को किस प्रकार सजाया गया होगा. उन्होंने टिप्पणी की, ‘आज इस अमृत काल में भगवान राम के आशीर्वाद से हम अयोध्या की दिव्यता और अमरता के साक्षी बन रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि हम उन परंपराओं और संस्कृतियों के वाहक हैं जिनमें त्योहार और उत्स...
जन्मदिन स्पेशल : धामी के नेतृत्व का करिश्मा, प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ता उत्तराखंड 

जन्मदिन स्पेशल : धामी के नेतृत्व का करिश्मा, प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ता उत्तराखंड 

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री (Chief minister of Uttarakhand) पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) आज 47 साल के हो गए हैं. 16 सितम्बर 1975 को पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में जन्मे पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनकी अगुवाई में पार्टी की लगातार दूसरी बार because सत्ता में वापसी हुई. उत्तराखण्ड अपने इस लोकप्रिय मुख्यमंत्री का जन्मदिवस यानी 16 सितम्बर को संकल्प दिवस के रूप में मानने जा रहा है. संकल्प दिवस इसलिए क्योंकि स्वयं पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के विकल्प रहित संकल्प पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं. स्वयं धामी का मानना है कि देवभूमि को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने की यह यात्रा उनकी अकेली नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की है. ज्योतिष पुष्कर सिंह धामी सैनिक पुत्र हैं. उनके पिता शेर सिंह धामी भारतीय सेना...
शिक्षा प्रसार का ऐसा जुनून प्रताप भैया में ही देखा जा सकता था

शिक्षा प्रसार का ऐसा जुनून प्रताप भैया में ही देखा जा सकता था

स्मृति-शेष
प्रताप भैया की 10वीं पुण्यतिथि पर विशेष भुवन चन्द्र पन्त लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति का ककहरा शुरू कर महज 25 वर्ष में उत्‍तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य और 35 वर्ष की उम्र में उत्‍तर प्रदेश में पहली बार बनी गैरकांग्रेसी सरकार में कैबिनेट मंत्री का ओहदा पा लेने वाले प्रताप भैया यदि राजनीति के लिए बने होते तो शायद शीर्ष तक पहुंचते. लेकिन चाटुकारिता से कोसों दूर राजनीति को उन्होंने मात्र समाजसेवा के माध्यम से ज्यादा तवज्जो ही नहीं दी. लखनऊ या दिल्ली में ही बैठकर राजनीति करते तो आजीविका का प्रश्न था, इसलिए जब मंत्री पद छोड़ा तो सीधे अपने वकालत के पेशे में जुट गये. जब लोग उनसे दिल्ली,  लखनऊ में बैठकर राजनीति करने की सलाह देते तो उनका उत्तर होता, समाजसेवा केवल पद पर बैठकर ही नहीं की जा सकती,  हां नीति निर्माण में सक्रिय भागीदारी अवश्य रहती है, जब कि एक वकील के पेशे के साथ भी समाजसेवा के सा...