![टिहरी रियासत के विरुद्ध जन-संघर्षों का अग्रणी व्यक्तित्व](https://www.himantar.com/wp-content/uploads/2020/06/Arun-Kukshal-main.jpg)
टिहरी रियासत के विरुद्ध जन-संघर्षों का अग्रणी व्यक्तित्व
दादा दौलतराम खुगशाल (मार्च, 1891- 3 फरवरी, 1960)
डॉ. अरुण कुकसाल
‘‘आज तक राजा ने हमको पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं दिया जिससे हम बायां अंगूठा लगाने को मजबूऱ हैं, लेकिन अब अगर राजा के कर्मचारी ‘कर’ आदि वसूलने आयें तो हमें उन्हें अपना दायां अंगूठा दिखाना चाहिए और हम दिखायेंगे भी.’’
- दादा दौलतराम खुगशाल
प्रजामंडल के टिहरी सम्मेलन (25-27 मई, 1947) में दादा दौलतराम ने अपने भाषण में उक्त वक्तव्य देकर राजशाही को खुली चुनौती दे थी.
टिहरी रियासत के विरुद्ध हुये निर्णायक आंदोलनों में 3 नाम प्रमुख रूप में सामने आते हैं. अमर शहीद श्रीदेव सुमन, दादा दौलतराम खुगशाल और नागेन्द्र सकलानी. श्रीदेव सुमन टिहरी रियासत के आत्याचारों के खिलाफ स्थानीय जनता की आवाज को देश के राष...