एक वर्जित क्षेत्र की कथा यात्रा
आशुतोष उपाध्याय
तिब्बत पुरातन काल से ही वर्जित because और रहस्यमय रहा है. एक अत्यंत कठिन और दुर्गम भूगोल जहां जीवित रहने के लिए शरीर भी अपनी जैविक सीमाओं का विस्तार चाहता है. यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं कि बेहद दुष्कर व जन विरल होने के बावज़ूद तिब्बत यूरेशियाई ताक़तों की टकराहट और ज़ोर-आज़माइश का अखाड़ा बना रहा. आज 21वीं सदी में दुनिया के ‘ग्लोबल’ हो जाने के बाद भी तिब्बत की वर्जनाएं कमोबेश जस की तस हैं.
ज्योतिष
मेरे लिए तिब्बत से पहला परिचय उन शरणार्थी परिवारों के ज़रिये हुआ, जो पिछली सदी के 60वें दशक में दलाई लामा के पीछे चलकर भारत पहुंचे और विभिन्न पहाड़ी इलाकों में बसाए गए. हमारे छोटे से पहाड़ी क़स्बे में भी कुछ तिब्बती परिवारों की आमद हुई. कुछ अलग तरह की वेशभूषा पहने तिब्बती महिलाएं सड़क के किनारे औरतों व बच्चों के सस्ते सामान और कुछ हिमालयी मसाले आदि बेचा करती थीं. because उनके घरों ...