Tag: जिलाधिकारी

उत्तरकाशी में सख्त कोविड कर्फ्यू लगाने का निर्णय

उत्तरकाशी में सख्त कोविड कर्फ्यू लगाने का निर्णय

उत्तरकाशी
अध्यक्ष जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण/जिलाधिकारी so मयूर दीक्षित ने शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में जनपद में 11 मई से 18 मई के बीच कोविड कर्फ्यू प्रभावी किया है. नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी जनपद में कोविड के बढ़ते प्रकोप के because मद्देनजर जनपद वासियों के हित में सरकार द्वारा आगामी 11 से 18 मई तक प्रथम फेज में संपूर्ण जनपद में सख्त कोविड कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है. अंक शास्त्र वैक्सीन लगाने के लिए 18 से 45 वर्ष के व्यक्ति घरों के बाहर निकल रहे हैं तो उन्हें अपना पंजीकरण दिखाना होगा. इसी तरह 45 से ऊपर के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जाने की अनुमति होगी. अब केवल 7 से 10 बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानें (फल, सब्जी, दूध, मीट की दुकानें) खुलेंगी. इसके साथ ही  मंडियों में केवल किसान और रिटेलर को ही आने की अनुमति होगी. इसके अलावा किसी और को अनुमति नहीं होगी. जनपद में सभी शिक्ष...
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हालात का जायजा लेने पहुंचे कुमराड़ा गांव

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित हालात का जायजा लेने पहुंचे कुमराड़ा गांव

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी विकास खंड चिन्यालीसौड़ के कुमराड़ा गांव में बीते दिन अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. मंगलवार को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित कुमराड़ा गांव पहुंचे व हालात का जायजा लिया. जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा भी मौजूद रहे. अतिवृष्टि से लोगों के घरों के अंदर पानी व मलबा चला गया था. because जिससे करीब 300 से अधिक परिवार प्रभावित हुए है. तथा 110 हेक्टेयर कृषि भूमि व गांव के पेयजल लाइन, विद्युत, व रास्ते क्षतिग्रस्त हुए है. पशु हानि में दो भैस व दो बकरी की मृत्यु हुई है तथा दीपा देवी आदि का आवसीय भवन क्षतिग्रस्त हुआ है. जिलाधिकारी ने अधिकांश घरों का निरीक्षण किया तथा ग्रामीणों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिया. आवसीय भवन जिलाधिकारी ने पानी व बिजली की आपूर्ति शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए. तात्कालिक व्यस्था के लिए टैंकरों से  पानी की व्यवस्था करने के निर्देश...
लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

पिथौरागढ़
हिमांतर ब्‍यूरो, पिथौरागढ़ बहादुर राम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके भतीजे किशोर ने चाचा को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन चाचा ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. न डीएम काम आया so और न ही सांसद ने फोन उठाया, जिन अधिकारियों ने फोन उठाया बस अपनी लाचारी सुना डाली. ऐसा हाल है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिला अस्पताल का, जहां ब्रेन हेमरे बज मरीज को ले जाने के so लिए सरकारी एंबुलेंस तक नहीं मिली. ऐसे में बहादुर राम तो मर गया, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की इस लाचारी पर कई सवाल खड़े कर गया. जिस जिला अस्पताल में एंबुलेंस न हो, इलाज के लिए डॉक्टर न हो, जिस जिले का जिलाधिकारी मुसीबत के वक्त फोन न उठाये... वह जिला फिर राम भरोसे ही है..सांसद और प्रशासन के नहीं... पिथौरागढ़ बहादुर राम को पिथौरागढ़ से हल्द्वानी ले जाने के लिए एंबुलेंस (Ambulance) नहीं मिली. उनके भतीजे कि...