![संसारभर का दुख बाँटती महादेवी](https://www.himantar.com/wp-content/uploads/2020/09/Meena-Pandey.jpg)
संसारभर का दुख बाँटती महादेवी
मीना पाण्डेय
महादेवी mahadevi vermaनिशा को, धो देता राकेश
चाँदनी में जब अलकें खोल,
कली से कहता था मधुमास
बता दो मधुमदिरा का मोल;
गए तब से कितने युग बीत
हुए कितने दीपक निर्वाण!
नहीं पर मैंने पाया सीख
तुम्हारा सा मनमोहन गान.
महादेवी
महादेवी जितनी छायावाद की एक महान कवयित्री के रूप में महत्वपूर्ण हैं उतनी ही महत्वपूर्ण है उनकी जीवन यात्रा और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ संकीर्ण विचार वाले समाज में अपनी शर्तों के साथ जीवन जीने का प्रयास और काफी हद तक उसमें विजय होना. कविता को संसार का सुख-दुख बांटने का माध्यम मान स्वयं एक सर्वप्रिय कवियत्री के so...