![सफर खूबसूरत हो…](https://www.himantar.com/wp-content/uploads/2021/11/alone-girl-walking.jpg)
सफर खूबसूरत हो…
कुसुम भट्ट
भय की सर्द लहर के बीच में झुरझुरी उठी. अनजानी जगह, अंधेरी रात, चांद का कहीं पता नहीं. अमावस है शायद. सुनसान शहर और वह एकदम अकेली! उसने सिहरते हुए देखा, because देह का जो चोला उन सब ने पहना था उसकी तरह किसी का भी नहीं था. गोया किसी तीसरी दुनिया के वाशिंदे थे जो कभी-कभार मूवी या सीरियल में दिखाई पड़ते थे जिनसे अपना कोई संबंध नहीं होता. बस शंका और भय की because नागफनी उगा करती है. वह कुछ कहना चाहती है पर जीभ तालू से चिपक रही है. इस कदर डरावना अहसास जिंदगी में पहली मर्तबा हो रहा था. भूख लगी थी सो चली आई. तवे-सी रंगत और चुहिया-सी काया वाली निर्मला दीवान के आदेश पर बच्चे की मानिन्द चली आई थी.
ज्योतिष
पेट की भूख से बड़ी कोई भूख नहीं, यही समझ में आया था. निर्मला दीवान के रूखे वाक्यों के पत्थर सब पर पड़े थे. ‘यहां किसी के लिए खाना नहीं आएगा. वहीं होटल चलना पड़ेगा.’ थोड़ी दूर खड़ी अंधेरे म...