सफर खूबसूरत हो…
कुसुम भट्ट भय की सर्द लहर के बीच में झुरझुरी उठी. अनजानी जगह, अंधेरी रात, चांद का कहीं पता नहीं. अमावस है शायद. सुनसान शहर और वह एकदम अकेली! उसने सिहरते हुए देखा, because देह का जो चोला उन सब ने पहना था उसकी तरह किसी का भी नहीं था. गोया किसी तीसरी दुनिया के […]
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