सादगी और सहजता मेरे साहित्य व जीवन के मूल में: रामदरश मिश्र

वरिष्ठ साहित्यकार रामदरश मिश्र के शताब्दी वर्ष का समारोहपूर्वक हुआ शुभारंभ 

  • डॉ. वेद मित्र शुक्ल
    एसोसिएट प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय

100वें वर्ष में प्रवेश कर चुके वरिष्ठ साहित्यकार रामदरश मिश्र जी के 99वें जन्मदिवस पर 15 अगस्त को नई दिल्ली में द्वारका स्थित ब्रम्हा अपार्टमेंट्स के सामुदायिक भवन में उनका जन्मदिन समारोहपूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर मिश्र जी का सारस्वत सम्मान वरेण्य साहित्यकारों व अतिथियों द्वारा किया गया. कार्यक्रम के प्रारम्भ में वेदव्यास गुरुकुल के विद्यार्थियों द्वारा स्वस्ति वाचन, मिश्र जी की पौत्री स्निग्धा मिश्र द्वारा सरस्वती वंदना व वेद मित्र शुक्ल द्वारा वंशी पर मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया.

इस अवसर पर मिश्र जी ने कहा कि उनके  जीवन और साहित्य के केंद्र में सादगी और सहजता रही है. उन्होंने अपनी जीवन-यात्रा से जुड़े आत्मीय पलों को याद करते हुए स्वयं की प्रतिनिधि कविताएं पढीं. प्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर ने रामदरश जी के प्रेरणादायी परिवेश विशेष रूप से उनके गाँव को उनकी सफलता के उल्लेखनीय कारकों में से एक बताते हुए मिश्र जी के साथ के अपने अनुभव साझा किए. कथाकार ममता कालिया, कवि बालस्वरूप राही सहित अन्य विशिष्ट अतिथिगणों ने भी इस दौरानअपने विचार रखे.

समारोह में मिश्र जी से जुड़ी पुस्तकों और उन पर केंद्रित पत्रिकाओं का लोकार्पण भी हुआ जिनमें सर्वभाषा प्रकाशन से प्रकाशित एवं डॉ. ओम निश्चल द्वारा संपादित मिश्र जी की ग़ज़लों का संग्रह “खुले मेरे ख्वाबों के पर धीरे-धीरे” एवं डॉ. निश्चल कृत आलोचना पुस्तक “रामदरश मिश्र : जीवन और साहित्य” का लोकार्पण ममता कालिया, प्रो. अशोक चक्रधर एवं बालस्वरूप राही द्वारा, प्रो. स्मिता मिश्र द्वारा संपादित व प्रलेक प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक ‘शिनाख्त’ का गुजरात से पधारे सूर्यदीन यादव एवं डॉ. राहुल द्वारा, और नईकिताब प्रकाशन से प्रकाशित मिश्र जी की कविताओं का संग्रह “75 कविताएं” का लोकार्पण कवि-कथाकर अलका सिन्हा व डॉ. वेद मित्र शुक्ल द्वारा किया गया. साथ ही मिश्र जी के शताब्दी वर्ष में उन पर केंद्रित पत्रिकाओं ‘आजकल’, ‘कथादेश,’ ‘अक्षरा,’ ‘सोच विचार’ एवं ‘भोजपुरी साहित्य सरिता’ का क्रमश: डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण, राधेश्याम तिवारी, प्रो. पवन माथुर, श्रीधरम, डॉ. जसवीर त्यागी, डॉ सविता मिश्र, प्रो. स्मिता मिश्र, जयशंकर द्विवेदी, हरिशंकर राढ़ी, हरेराम पाठक, अमरनाथ अमर एवं उपेन्द्र मिश्र द्वारा किया गया.

समारोह में शताब्दी के सहयात्री रामदरश मिश्र जी की पत्नी सरस्वती मिश्र व परिवार के सदस्यों सहित जाने-माने अतिथि साहित्यकार बी एल गौड़, नरेश शांडिल्य, प्रो. सत्यकेतु सांकृत, अनिल जोशी, प्रभात प्रकाशन से प्रभात कुमार, अमरदीप कौर, अजय तिवारी, महेश दर्पण, किरण झा, अंजली उपाध्याय, रविशंकर सिंह, डॉ. सन्नी गोड़ आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही. समारोह का सफल संचालन सुप्रसिद्ध कवि-आलोचक डॉ. ओम निश्चल द्वारा किया गया. धन्यवाद ज्ञापन मिश्र जी के पुत्र शशांक मिश्र जी द्वारा किया गया.

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