बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा जाएगा। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की जानकारी दी है। उन्होनें कहा- मेरे लिए यह भावुक क्षण है।
बता दें कि पाकिस्तान के कराची में जन्में लालकृष्ण आडवाणी सबसे अधिक समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होनें राम मंदिर आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। आइये जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ जरुर तथ्य।
कराची से भारत का सफर
भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर. 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उघमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होनें कराची के सेंट पैट्रिक स्कूल से की थी।
इसके बाद उन्होनें हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आ गया था। यहां उन्होनें लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।
Lal Krishna Advani का राजनीतिक करियर
- 1942 में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए।
- आजादी के बाद आडवाणी की एंट्री राजनीति में नगरपालिका चुनाव से हुई।
- 1957 में वाजपेयी जी की सहायता के लिए दिल्ली शिफ्ट हुए।
- 1958-63 में उन्होनें दिल्ली प्रवेश जनसंघ में सचिव का पदभार ग्रहण किया।
- 1970 में अप्रैल में पहली बार राज्यसभा पहुंचे।
- 1972 के दिसंबर में लालकृष्ण आडवाणी को भारतीय जनसंघ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- 26 जून 1975 में आपातकाल के दौरान उन्हें बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया।
- आपातकाल हटने के बाद मार्च 1977 से जुलाई 1979 में वह सूचना प्रसारण मंत्री रहे।
- 1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद 1986 तक वह पार्टी के महासचिव रहे।
- साल 1986 में लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।
- 3 मार्च 1988 को उन्हें दोबारा पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- 1991 के आम चुनाव में उन्होनें गुजरात की गांधी नगर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।
- 1996 में बनी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह गृह मंत्री रहे। ये सरकार 13 दिन बाद ही गिर गई थी।
- अक्टूबर 1999 से मई 2005 तक उन्होनें गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।
- जून 2002 से लेकर मई 2004 तक वह देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री रहे।
- आडवाणी चार बार राज्यसभा और छह बार लोकसभा के सदस्य रहे।
- 10 दिसंबर 2007 को भाजपा के संसदीय बोर्ड ने 2009 के आम चुनावों के लिए लालकृष्ण आडवाणी को पीएम पद उम्मीदवार बनाए जाने का औपचारिक ऐलान किया।
- यूपीए सरकार दोबारा बनने पर 15वीं लोकसभा में आडवाणी की जगह सुषमा स्वराज को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।
राम मंदिर आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
1980 की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत की। बीजेपी के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी राम मंदिर आंदोलन का चेहरा बने। ये यात्रा 1990 से सोमनाथ से अयोध्या के लिए शुरु की गई थी। आडवाणी को यात्रा के बीच में ही गिरफ्तार कर लिया था। साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें आडवाणी का भी नाम था। बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इसके अलावा उन्होंने 1997 में भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाते हुए स्वर्ण जयंती रथ यात्रा निकाली थी। साल 2015 में आडवी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।