• हिमांतर ब्‍यूरो, हल्द्वानी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ (DRDO) ने तीन सफ्ताह के भीतर हल्द्वानी में 500 बेड का अस्थायी कोविड केयर सेंटर तैयार कर दिया है. इस सेंटर को उत्तराखंड मूल के पहले थलसेना अध्यक्ष जनरल विपिन चंद्र जोशी का नाम दिया गया है. because सीएम तीरथ सिंह रावत रावत ने इस सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन किया. 10 हजार वर्गफीट में बनाए गए इस आधुनिक सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर में 375 ऑक्सीजन बेड, 125 आईसीयू एवं वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. बच्चों के लिए अलग because वार्ड के साथ ही उनके अभिभावकों के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है. इसमें ब्लैक फंगस (म्यूकरमायोसिस) के मरीजों के लिए भी अलग वार्ड बनाया गया है. इस सेंटर का क्लीनिकल मैनेजमेंट डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल द्वारा किया जाएगा.

सुशीला तिवारी

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह के मुताबिक, केंद्र एवं राज्य के समन्वित प्रयासों से यह कोविड केयर सेंटर जल्द because बनकर तैयार हुआ है. उन्होंने इस सेंटर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया.

सुशीला तिवारी

उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में इस कोविड केयर सेंटर के बनने से कुमायूं मंडल के लोगों को इलाज कराने में काफी सुविधा होगी. देवभूमि उत्तराखंड की परंपरा हमेशा सर्वजन हिताय, because सर्वजन सुखाय की रही है. जो भी मरीज यहां इलाज के लिए आएंगे, उन्हें उचित इलाज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. राज्य में ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर एवं अन्य आवश्यक दवाओं की पूर्ण उपलब्धता है. कोविड की तीसरी लहर के दृष्टिगत सभी पुख्ता व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

सुशीला तिवारी

कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हल्द्वानी में यह एक महत्वपूर्ण कार्य हुआ है. उन्होंने कहा कि कुमायूं क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है. कोरोना की because तीसरी लहर के दृष्टिगत भी यह कोविड केयर सेंटर बहुत मददगार साबित होगा. सांसद अजय भट्ट ने कहा कि सीएम तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं. राज्य के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में भी ऑक्सीजन, कंसनट्रेटर आदि की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. उन्होंने कोविड केयर सेंटर की बहुत कम समय में स्थापना करने पर डीआरडीओ के अधिकारियों का भी आभार व्यक्त किया.

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हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास

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