एक्शन में धामी सरकार : वन विभाग की 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाया गया

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सरकारी जमीन पर सभी अवैध अतिक्रमण शीघ्र हटाने के निर्देश दिए, शत्रु सम्पतियों पर पब्लिक प्रोजक्ट के प्रस्ताव बनाए जाएं

प्रदेश की सरकारी जमीन के सभी अवैध अतिक्रमण शीघ्र हटाये जाएं. प्रदेश में अतिक्रमण वाली भूमि पर राज्य के बाहर के कितने लोगों का कब्जा है और राज्य के कितने लोगों का कब्जा है, इसका डाटा शीघ्र प्रस्तुत किया जाए. सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के शासन स्तर पर आज ही शासनादेश जारी किया जाए. उत्तराखण्ड के स्थानीय युवाओं को कौशल विकास विभाग के माध्यम से तकनीकि प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. प्लम्बर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन एवं अन्य क्षेत्रों में राज्य के स्थानीय लोगों को बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी की जाए. इसके लिए जल्द शासनादेश निकाला जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की शत्रु सम्पतियों का अपनी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण करें. जिन शत्रु सम्पतियों को अभी तक जिला प्रशासन द्वारा अपने अधीन नहीं लिया गया है, उन्हें शीघ्र अपने अधीन लिया जाए. जिन शत्रु सम्पतियों को अपने अधीन लिया जा चुका है, उनमें क्या पब्लिक प्रोजक्ट बन सकते हैं, इसका प्रस्ताव भी जिलाधिकारियों द्वारा शीघ्र शासन को भेजा जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की अवशेष शत्रु सम्पतियों का जल्द चिन्हीकरण कर आवश्यक कार्यवाही करें. यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के सबंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये. बैठक में जानकारी  दी गई कि वन विभाग द्वारा 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा चुका है.

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को न रोकने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी और कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी. सरकारी भूमि से विशुद्ध रूप से अतिक्रमण हटना है. इसके लिए शासन से जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जनपदों को तेजी से कार्य करना है. मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को आदेश दिये कि बाहरी व्यक्तियों का लगातार सत्यापन अभियान चलाया जाए एवं किरायेदारों का भी नियमित सत्यापन किया जाए, इस कार्य में लापरवाही करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए. अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें और एक दूसरे का सहयोग करें.

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में जो नई प्लाटिंग हो रही हैं, उनमें नियमानुसार सभी कार्यवाही हो, यदि कहीं भी कोई शिकायत आ रही है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर जो भी बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं, यह सुनिश्चित किया जाए कि उन सभी का सत्यापन पूरा हो. उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर एवं कुमायूं कमिश्नर को निर्देश दिये कि अपने कमीश्नरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से सबंधित सभी गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखें और जिलाधिकारियों के साथ इसके लिए नियमित बैठकें भी करें. कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करें. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्राम समाज की जमीनों पर भी अतिक्रमण न हो, यदि कहीं ऐसा हो रहा है, तो संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि कानून का पूरी सख्ती से पालन हो. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के जाली प्रमाण पत्र न बनें, यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो, सबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि विभागों द्वारा सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने की जो रिपोर्ट दी जा रही है, उनका क्रॉस वेरिफिकेशन भी कराया जाए, गलत सूचना देने वालों पर कार्रवाई भी की जाए.

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भूमि का अपना यूनिक नंबर होगा. सभी विभाग अपनी सरकारी संपत्ति का रजिस्टर मेंटेन करेंगे. इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी. सरकारी भूमि की समय समय पर सेटेलाइट पिक्चर ली जाएगी. राज्य की सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसके लिए राजस्व परिषद् में तकनीकि सहायता के लिए एक सेल बनाया गया है. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. जनपद और राज्य स्तरीय समिति अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्यवाही की नियमित निगरानी रखेगी. सभी जनपदों में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है.

बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री एच.सी. सेमवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक श्री अनूप मलिक, एडीजी श्री वी. मुरूगेशन, श्री ए.पी अंशुमान, विशेष सचिव श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, मुख्य वन संरक्षण वन पंचायत श्री पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव श्री रोहित मीणा, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री नवनीत पाण्डे वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर श्री सुशील कुमार, कुमायूं कमिश्नर श्री दीपक रावत, सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे.

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