चमोली

मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण से दिया ”हर घर योग, हर जन निरोग” का संदेश

मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण से दिया ”हर घर योग, हर जन निरोग” का संदेश

चमोली
गैरसैंण की धरती से मुख्यमंत्री का उदघोष : उत्तराखंड को बनाएंगे योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया. योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया. उन्होंने "एक वृक्ष, योग के नाम" कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ...
मुख्यमंत्री ने विदेशों से आए डेलिगेट्स के बीच बताई उत्तराखंड की विशेषताएं

मुख्यमंत्री ने विदेशों से आए डेलिगेट्स के बीच बताई उत्तराखंड की विशेषताएं

चमोली
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण, में किया स्वागत प्रधानमंत्री का आयुष और वेलनेस सेक्टर के प्रति विशेष दृष्टिकोण उत्तराखण्ड को योग के वैश्विक केंन्द्र के रूप में उभरने का किया जा रहा है कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्य का स्वागत किया. उन्होंने इस दौरान सभी को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित भी किया. सीएम धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के उपस्थित राजदूत व अन्य उच्चधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है. प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी के नेतृत्व और आग्रह पर पूरी दुनिया में अंतर्राष...
पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का एक बड़ा स्रोत है रिंगाल!

पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का एक बड़ा स्रोत है रिंगाल!

चमोली
उर्गमघाटी : उत्तराखंड  के पर्वतीय क्षेत्रों में रिंगाल ( हिमालयी बांस- अरूंडीनेशिया फल्काटा)   आजीविका का एक बहुत बड़ा स्रोत है. रिंगाल लगभग 10वीं शताब्दी से पहाड़ के समाज को कृषि के योग्य बर्तन जैसे- सुप्पा, कंडा, चंगेरा, सोल्टा, तेथला और अनाज और बीज रखने के लिए क्वोन्ना आदि बनाने में प्रयोग किया जाता रहा है. वर्तमान में जनपद चमोली में कई स्थानों पर रिंगाल हश्तशिल्प  का निर्माण और उन पर आधारित स्वरोजगार संचालित होते हैं. उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद् और आगाज संस्था द्वारा वर्ष 2005 से जनपद चमोली में रिंगाल हश्तशिल्प  के कई शिक्षण प्रशिक्षण के कार्य किये गए. कालांतर में अलकनंदा स्वायत्त सहकारिता पीपलकोटी, हिमालय स्वायत्त सहकारिता पीपलकोटी ने रिंगाल हस्तशिल्प के अतिरिक्त प्राकृतिक रेशा- भांग और कंडाली के उत्पादों, के साथ-साथ, पूजा पाठ के मुखोटों के निर्माण के कार्यों को आगे बढाया. ...
भारतीय सेना को भेड़, बकरी एवं पोल्ट्री उत्पाद उपलब्ध कराएंगे स्थानीय किसान

भारतीय सेना को भेड़, बकरी एवं पोल्ट्री उत्पाद उपलब्ध कराएंगे स्थानीय किसान

चमोली
पहले चरण में अग्रिम चौकी माणा एवं मलारी के लिए रवाना की गई पोल्ट्री उत्पादों की खेप उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश के काश्तकारों एक किसानों की आजीविक सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारतीय सेना अब पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय किसानों से पोल्ट्री उत्पादों की खरीद करेगी. सोमवार को जनपद चमोली में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों माणा एवं मलारी के लिए आपूर्ति की पहली खेप रवाना की गई. सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी  डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने झंडी दिखाकर आपूर्ति वाहनो को रवाना किया. पशुपालन विभाग की इस पहल के तहत उत्तराखण्ड में सेना की अग्रिम चौकियों पर स्थानीय स्तर पर उत्पादित भेड़, बकरी एवं पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. पहले चरण में पोल्ट्री उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है. जोशीमठ से रवाना की गई प्रथम खेप में भारतीय...
कैबिनेट ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब 12.4 किमी रोपवे परियोजना के विकास को दी मंजूरी

कैबिनेट ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब 12.4 किमी रोपवे परियोजना के विकास को दी मंजूरी

चमोली
चमोली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड़ पर विकसित किया जाएगा. जिसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी. वर्तमान में हेमकुंड साहिब की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई चढ़कर पूरी की जाती है और इसे पैदल यात्रा, पालकी द्वारा पूरा किया जाता है, प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है. यह प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाएगा, रोपवे परियोजना निर्माण और परिचालन के दौरान और साथ ही पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय और पर्यटन उद्योगों म...
पीपलकोटी, चमोली में पहली बार इंग माखिर अदरक के परीक्षण शुरू

पीपलकोटी, चमोली में पहली बार इंग माखिर अदरक के परीक्षण शुरू

चमोली
अदरक की ये बेहद प्रभावी, गुणकारी और आयुर्वेद में बहु उपयोगी प्रजाति है, जो देश के अन्य हिस्सों में नहीं पायी जाती! जे पी मैठाणी सभी फोटो - जयदीप किशोर इंग माखिर अदरक के विशिष्ट गुणों और भविष्य की मांग को देखते हुए - सामाजिक संस्था - आगाज फैडरेशन के वैज्ञानिकों द्वारा इसका पहला परीक्षण पहली बार बायो टूरिज्म पार्क पीपलकोटी की नर्सरी में किया जा रहा है. संस्था के समन्वयक जयदीप किशोर ने बताया कि, अभी पहले परीक्षण के रूप में फ़ार्म फूटहोल्ड कंपनी - दीमापुर नागालैंड से अग्रणी किसान श्री रुवेल द्वारा उनको इंग माखिर अदरक के राइजोम भेजे गए हैं  और भविष्य में इस अदरक के परिणामों को देखते हुए चमोली में शीघ्र ही अदरक की इस प्रजाति की खेती शुरू की जायेगी. उन्होंने बताया कि संस्था के पदाधिकारियों द्वारा-  दुनिया की सबसे बेस्ट हल्दी - लैकडाँग हल्दी के अलावा काली हल्दी के राइजोम भी मेघालय की जैंति...
चमोली के गैरसैंण में नई तकनीक से बनाए गए टनल और शैड में मशरूम उत्पादन के किसानों ने सीखे तौर तरीके

चमोली के गैरसैंण में नई तकनीक से बनाए गए टनल और शैड में मशरूम उत्पादन के किसानों ने सीखे तौर तरीके

चमोली
जनपद में आदिबदरी, मालसी और खेती गांव बन रहे मशरूम उत्पादन के मॉडल विलेज किसानों की आय दोगुनी करने में जिला प्रशासन की पहल हो रही सार्थक जे पी मैठाणी सीमान्त जनपद चमोली में उद्यानिकी, मशरूम उत्पादन, फल संरक्षण, सब्जी पौध उत्पादन और स्टोन फ्रूट की खेती के प्रयास रंग लाने लगे हैं. इस कड़ी में जनपद चमोली के गैरसैंण ब्लॉक के गांव- आदिबद्री, खेती, मालसी और थापली गांव मशरूम उत्पादन के लिए मॉडल विलेज बन गए है. इन मॉडल विलेज के किसानों से राज्य के अन्य जनपदों के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं. सोमवार को नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के 25 किसानों ने चमोली के गैरसैंण ब्लाक में मशरूम उत्पादक गांवों का एक्सपोजर विजिट कर प्रशिक्षण लिया. इस दौरान किसानों ने यहां पर मशरूप उत्पादन के लिए नई तकनीक से बनाए गए टनल और शैड में मशरूम उत्पादन के तौर तरीके सीखें तथा मशरूम उत्पादन की जानकारी ली. मास्टर ट्र...
पहाड़ों के सतत विकास, नेचर टूरिज्म और स्वरोजगार के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों की जमीन बचानी होगी

पहाड़ों के सतत विकास, नेचर टूरिज्म और स्वरोजगार के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों की जमीन बचानी होगी

चमोली
पहाड़ों के सतत विकास और स्वरोजगार के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों की जमीन बचानी होगी ये बात प्रकृति पर्यटन एवं नेचर जागरूकता कार्यक्रम के द्वितीय दिवस में अतर सिंह तोमर पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखंड ने कही. श्री तोमर ने पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग और जनदेश संस्था द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही उन्होंने ग्रामीणों का आह्वाहन करते हुए कहा कि, हम सबको   पहाड़ों की जमीन को बचाने के साथ- साथ उस भूमि पर प्रकृति के सतत संरक्षण और वैज्ञानिक दोहन  के रूप में  नियोजन को प्रबंधित करना होगा. पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह तोमर ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए युवाओं की मुख्य भूमिका हो सकती है उन्होंने कहा कि पहाड़ों में लोग अपनी भूमि को नहीं बेचना चाहिए आज आवश्यकता है कि जमीन को बचाया जाए बाहर के लोगों की गिद्ध दृष्टि पहाड़ों की भूमि पर लगी है....
पर्यटन आधारित कार्यक्रमों के नियोजन करने की तकनीक और उसके प्रचार-प्रसार  के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : पंकज कुमार

पर्यटन आधारित कार्यक्रमों के नियोजन करने की तकनीक और उसके प्रचार-प्रसार के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : पंकज कुमार

चमोली, पर्यटन
तृतीय दिवस नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व के निदेशक पंकज कुमार ( आई ऍफ़ एस )  ने नेचर टूरिज्म प्रशिक्षण के तृतीय दिवस के कार्यक्रम में उपस्थित होकर नेचर  गाइड और प्रशिक्षणार्थियों को  संबोधित करते हुए कहा कि, हम सभी को अपने क्षेत्र के पर्यटन आधारित कार्यक्रमों के नियोजन करने की तकनीक और उसके प्रचार प्रसार  के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए .  साथ नेचर टूरिज्म को बढाने के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराने के बारे में विस्तार से जानकारी दी. निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि हमें गंभीरता से अपने क्षेत्र के विषयों को जानना आवश्यक है उन्होंने कहा कि प्रकृति पर्यटन आधारित टूरिज्म की उर्गम घाटी में काफी संभावना है और मैंने आज प्रतिभागियों के द्वारा ट्रैकिंग रूटो के बारे में विस्तार पूर्वक दी गयी जानकारी  और मानचित्र बनाने का जो प्रयास और अभ्यास किया है उससे मुझे बहुत खुशी हुई. उन्होंने पंच केदार और पंच बद्...
उर्गम घाटी में तीन दिवसीय प्रकृति पर्यटन एवं नेचर कैम्पिंग कार्यशाला का आयोजन

उर्गम घाटी में तीन दिवसीय प्रकृति पर्यटन एवं नेचर कैम्पिंग कार्यशाला का आयोजन

चमोली
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा जनदेश संस्था आयोजित की जा रही कार्यशाला   जे पी मैठाणी जनपद चमोली में ईकोटूरिज्म, नेचर कैम्पिंग जागरूकता हेतु व्यापक प्रयास किया जा रहे हैं इसी क्रम में  उर्गम घाटी में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग द्वारा जनदेश संस्था के सहयोग से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ! देव ग्राम में शुरू की गई कार्यक्रमशाला में सर्वप्रथम परिचय सत्र के साथ प्रतिभागियों से उनकी प्रशिक्षण कार्यक्रम से  अपेक्षाएं मांगी गई. अधिकतर प्रतिभागियों के द्वारा  नेचर गाइड,  टूर ऑपरेटर के रूप में पंजीकरण करने  और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की बात रखी. प्रशिक्षणार्थियों ने अपेक्षा के रूप में - प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रकृति पर्यटन एवं नेचर कैम्पिंग जानकारी एवं प्रकृति को संरक्षित रखना के लिए सामुहिक प्रयास के बारे में चर्चा क...