अभिनव पहल

पलायन की पीड़ा को प्रोडक्शन में बदलेंगे : जेपी

पलायन की पीड़ा को प्रोडक्शन में बदलेंगे : जेपी

अभिनव पहल
- प्रेम पंचोली केसर का नाम सुनते ही लगता है बात जम्मू-कश्मीर की हो रही है. अपने देश में केसर की खेती सिर्फ जम्मू-कश्मीर में होती है. लेकिन अब लोगों ने नए—नए प्रयोग (अनुसंधान) करके केसर को अपने गमलों तक ला दिया. हालांकि गमलों में यह प्रयोग सफल तो नहीं हुआ, मगर केसर की खेती का प्रचार-प्रसार जरूर बढा. देहरादून में सहस्रधारा के पास एक गांव में कैप्टन कुमार भण्डारी वैद्य केसर की खेती कर रहे है. उनका यह परीक्षण सफल रहा है. कह सकते हैं कि प्राकृतिक संसाधनो से परिपूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में यदि केसर की खेती को राज्य सरकार बढावा दें तो यह राज्य धन-धान्य हो सकता है. खैर! केसर की खेती के नफा-नुकसान पर वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जगतम्बा प्रसाद ने एक रिपोर्ट निकाली है. वे अपनी रिपोर्ट के मार्फत बता रहे हैं कि ‘केसर खेती’ इस राज्य का भविष्य बना सकती है. हालांकि यह काम बहुत ही मंहगा है. इतिहा...
बधाई हो रवांई के लाल बधाई हो…

बधाई हो रवांई के लाल बधाई हो…

अभिनव पहल
— शशि मोहन रवांल्टा नरेश भाई! रवांई का मान—सम्मान बढ़ाने के लिए आपको हार्दिक बधाई। 26 जनवरी के दिन उत्तरखंड के मुखिया के हाथों आपको 'देव भूमि रत्न' सम्मान मिलने पर बहुत ही प्रसन्नता हुई। साथ ही उत्तराखंड पत्रकार यूनियन का हार्दिक आभार जिनके द्वारा यह आयोजन आयोजित किया गया और आपका चयन इस सम्‍मान के लिए हुआ। एक साधारण-सा दिखने व्यक्ति बहुत ही असाधारण काम कर रहा है। बातों ही बातों में पता चला कि नरेश भाई रवांई घाटी से पहाड़ी खाद्यानों को वहां के किसानों से एकत्रित करके देहरादून—दिल्ली—मुंबई जैसे महानगरों में स्टॉलों के माध्यम से लोगों को पहाड़ी खाद्य सामग्री मुहैया करवाते हैं। साथ ही यह भी पता चला कि नरेश भाई से यमुना घाटी के 500 किसान सीधे जुड़े हुए हैं वैसे से तो नरेश भाई मेरे क्षेत्र रवांई घाटी से ही हैं लेकिन मेरा इनसे पहले से कोई खास परिचय नहीं था। यदि परिचय था भी तो बस इतना भर कि न...