स्वावलंबी विकास की ओर- आत्मबोध से आत्मनिर्भरता तक
दीपावली पर विशेष
प्रो. गिरीश्वर मिश्र
शिक्षाविद् एवं पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा
इस साल दीपावली का पर्व देश के लिए इस अर्थ में विशेष है कि वह हमें स्वयं की पहचान के लिए आमंत्रित कर रहा है। इसका तकाजा है कि हम विभिन्न प्रकार के भ्रमों के आवरण से मुक्त हो कर प्रकाश का वरण करें। राह में आते तिमिर को दूर करने के लिए प्रकाश का यह पर्व हमें स्वयं को जगा कर ज्योति का वाहक बनने के लिए प्रेरित करता है। अपनी शक्ति को पहचानना ही वह आधार है जो आज की वैश्विक अस्थिरता और उथल-पुथल वाले अनिश्चय के वातावरण में हमें सहारा दे सकेगा। आज के जटिल होते परिवेश में इसे सुखद आश्चर्य ही कहेंगे कि तमाम विघ्न-बाधाओं को पार करते हुए भारत धन-धान्य की दृष्टि से अनेक देशों की तुलना में और स्वयं अपने पिछली उपलब्धियों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से संतोषजनक स्थिति में है।...









