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रंवाई की बेटी किरण रौतेला वर्मा बनीं उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की सचिव

रंवाई की बेटी किरण रौतेला वर्मा बनीं उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की सचिव

देहरादून
देश की पहली महिला सचिव बनाकर रचा इतिहास विजेन्द्र रावत, वरिष्ठ पत्रकार देहरादून के प्रतिष्ठित होटल हयात में शनिवार की शाम कुछ खास थी। हॉल में मौजूद लोग गुलदस्तों और शुभकामनाओं के साथ उस बेटी का स्वागत कर रहे थे, जिसने पहाड़ की मिट्टी से उठकर इतिहास रचा है। सम्मान पाकर झुककर चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेने वाली वह शख्सियत थीं- किरण रौतेला वर्मा, जिन्हें उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन का सचिव चुना गया है। यह केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है, क्योंकि किरण भारत में किसी भी राज्य की क्रिकेट एसोसिएशन की पहली महिला सचिव बनी हैं। पहाड़ से देहरादून तक का सफर किरण उत्तरकाशी ज़िले के दूरस्थ तुनाल्का गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता केदार सिंह रौतेला (रौतेला होटल) ने अपनी मेहनत से रोज़गार का रास्ता बनाया, जिसमें शुरुआती दिनों में किरण ने भी उनका साथ दिया। पढ़ाई के साथ...
शिक्षकों में चाहिए सर्जनात्मक ऊर्जा और उत्साह!

शिक्षकों में चाहिए सर्जनात्मक ऊर्जा और उत्साह!

शिक्षा
  शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र पूर्व कुलपित, वर्धा विश्वविद्यालय देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद सरकारी नीतियों में शिक्षा के विकास को भी जगह मिली और देश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की संख्या में क्रमश: लगभग 92 प्रतिशत और 58 प्रतिशत की आशातीत बढ़ोत्तरी हुई. यद्यपि अभी भी उनकी संख्या जरूरत के मुताबिक अपर्याप्त है तब भी यह निश्चित रूप से एक सकारात्मक पहल और बड़ी उपलब्धि थी. इसके चलते उच्च शिक्षा का विस्तार हुआ. युवाओं की शिक्षा में रुझान बढ़ी और नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई और पूर्णत: शिक्षित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में  हम आगे बढ़े. लेकिन इस मात्रात्मक बदलाव  के समानांतर शिक्षा की गुणवत्ता की चुनौती  बढ़ती  गई जो शिक्षा के बढ़ते विशिष्टीकरण ( स्पेशलाइजेशन) के दौर में और भी उलझती  गई. ऊपर से गुणवत्ता में कमी को संसाधनविहीनता के प...
 5 सितम्बर की क्रांति: कुमाऊं की बारडोली – सल्ट का स्वतंत्रता संग्राम”

 5 सितम्बर की क्रांति: कुमाऊं की बारडोली – सल्ट का स्वतंत्रता संग्राम”

उत्तराखंड हलचल
“खुमाड़ गोलीकांड और सल्ट के रणवीर: एक भूली-बिसरी गाथा” चंद्रशेखर तिवारी Doon Library & Research Centre उत्तराखंड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है। तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद कमी, लखौरी मिर्च की पैदावार और पशुधन के नाम पर हष्ट-पुष्ट बैल इस इलाके की खास पहचान है। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सल्ट का इलाका चार पट्टियों (राजस्व इकाई) में बंटा हुआ है। दूधातोली पर्वत़ श्रेणी के पनढाल से निकलने वाली पश्चिमी रामगंगा नदी चैखुटिया, मासी व भिकियासैण होकर सल्ट इलाके को छूते हुए भाबर प्रदेश को चली जाती है। स्थानीय लोक गाथाओं के अनुसार यह इलाका ’राजा हरुहीत’ की कर्मभूमि रहा है। राजा हरुहीत का जन्म आज से तकरीबन 200 साल पहले तल्ला सल्ट पट्टी के गुजड़ूकोट गांव में हुआ था। राजा हरुहीत अपनी वीरता के साथ ही अपनी दयालुता व न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे। इ...
कृति सैनॉन बनीं यूएनएफपीए इंडिया की नई मानद लैंगिक समानता राजदूत

कृति सैनॉन बनीं यूएनएफपीए इंडिया की नई मानद लैंगिक समानता राजदूत

देश—विदेश
मानद राजदूत के तौर पर कृति सैनॉन ने महिलाओं के सशक्तिकरण, कल्याण और सुरक्षा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया मुंबई, 1 सितंबर 2025.  संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) इंडिया ने आज मशहूर अभिनेत्री, निर्माता और उद्यमी कृति सैनॉन को अपनी मानद लैंगिक समानता राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की. यह घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई, जहां महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के संयुक्त संकल्प को रेखांकित किया गया. अपने नए दायित्व में सुश्री सैनॉन महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और कल्याण के लिए आवाज़ उठाएंगी. वह लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक हिंसा को समाप्त करने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने जैसे अहम मुद्दों पर अपना समर्थन देंगी. कार्यक्रम से पहले कृति सैनॉन ने लैंगिक समानता के चार साहसी युवा समर्थकों के साथ मिलकर यह संकल्प लिया कि वह बा...
मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर हिन्दी का परचम

मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर हिन्दी का परचम

दिल्ली-एनसीआर
25वाँ अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन (रजत पर्व) संपन्न, भारतीय विद्वानों का भव्य सम्मान नई दिल्ली. मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर 23 से 31 अगस्त 2025 तक आयोजित 25वाँ अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन (रजत पर्व) हिन्दी साहित्य और भारतीय संस्कृति का एक विराट महाकुंभ सिद्ध हुआ. इस ऐतिहासिक आयोजन में भारत के नौ राज्यों से आए 50 से अधिक रचनाकारों, कवियों, लेखकों, शिक्षाविदों और पत्रकारों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई. सम्मेलन का उद्घाटन इंडोनेशिया के सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक और लेखक पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन ने किया. उन्होंने बाली और भारत की सांस्कृतिक समानताओं को रेखांकित करते हुए कहा— “बाली की संस्कृति भारत, विशेषकर ओडिशा और बस्तर की संस्कृति से गहराई से जुड़ी है. यह भूमि भारतीय परंपराओं की जीवंत झलक प्रस्तुत करती है.” बाली के विधायक डॉ. सोमवीर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ...
कपूर कचरी की खेती – सुगंध से आजीविका तक

कपूर कचरी की खेती – सुगंध से आजीविका तक

खेती-बाड़ी, चमोली
कपूर कचरी की हिमालयकी एक बहुमूल्य जड़ी-बूटी जे. पी. मैठाणी हिमालय अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां की वादियों में सैकड़ों औषधीय पौधे और वनस्पतियां स्वाभाविक रूप से उगती हैं। इन्हीं में से एक है – कपूर कचरी (Hedychium spicatum) जिसे स्थानीय भाषा में स्येडू या सैडू कहा जाता है और आम बोलचाल में इसे जिंजर लिली भी कहते हैं। इसका कुल नाम जिंजिबेरेसी है और यह अदरक-हल्दी की तरह कंद वाली औषधीय वनस्पति है। सांस्कृतिक महत्व चमोली जनपद के ग्रामीण अंचल में शादियों के समय होने वाले मंगल स्नान की परंपरा में कपूर कचरी और सुगंधबाला की जड़ों को हल्दी के साथ मिलाकर दूल्हा-दुल्हन के स्नान में प्रयोग किया जाता है। इसकी विशिष्ट सुगंध और औषधीय गुण इसे पर्वतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाते हैं। पीपलकोटी में सफल प्रयोग पीपलकोटी (चमोली) में लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर ‘आगाज़’ स...
मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

चम्‍पावत
खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से हेमवती नन्दन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा में उत्तराखंड के पहले “साथी केंद्र” का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर आधारित होता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2020 में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) ने देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट साथी की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मार्गदर्शन मिल सके। प्रोजेक्ट साथी से लाभ आईआईटी और आईआईएससी जैसे संस्थानों के प्रोफेसर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को कोचिंग दे रहे हैं। इंजीनियरिंग,...
महावीर रवांल्टा होंगे ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से सम्मानित

महावीर रवांल्टा होंगे ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से सम्मानित

साहित्‍य-संस्कृति
पुरोला/भीलवाड़ा. यमुना घाटी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से अलंकृत किया जाएगा. यह सम्मान उन्हें ‘बालवाटिका’ (मासिक) पत्रिका की ओर से आयोजित 26वीं राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह-2025 में प्रदान किया जाएगा. यह आयोजन 4-5 अक्टूबर 2025 को विनायक विद्यापीठ, भूणास, भीलवाड़ा (राजस्थान) में होगा, जिसमें देशभर से बाल साहित्यकार शिरकत करेंगे. समारोह में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा और हमारा दायित्व’ विषय पर तीन चर्चा-सत्र आयोजित होंगे. साथ ही एक बाल काव्यगोष्ठी भी सम्पन्न होगी. डॉ. भैरूं लाल गर्ग (संपादक एवं संयोजक, बालवाटिका) के अनुसार महावीर रवांल्टा को सम्मानस्वरूप स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल एवं धनराशि भेंट की जाएगी. महावीर रवांल्टा का साहित्यिक योगदान महावीर रवांल्टा प्रौढ़ एवं बाल साहित्य – दोनों क्षेत्रों ...
लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनेगा: सांसद अनिल बलूनी

लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनेगा: सांसद अनिल बलूनी

दिल्ली-एनसीआर
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने आश्वासन दिया है कि लंबे समय से लंबित कंडी मोटर मार्ग और लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर शीघ्र ही निर्णय होगा और यह मार्ग जल्दी ही बनकर तैयार होंगे. दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोटद्वार के शिष्टमंडल ने सांसद बलूनी को ज्ञापन सौंपकर लालढांग–चिल्लरखाल मार्ग के डामरीकरण और पुल निर्माण की मांग उठाई. इस पर बलूनी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही लक्ष्य है कि यह दशक उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास का दशक बने.” ऐतिहासिक महत्व और उपेक्षा यह मोटर मार्ग 1965 से अस्तित्व में है. इससे पूर्व यह पैदल व्यापारिक मार्ग के रूप में पूरे गढ़वाल को जोड़ता था. लेकिन राज्य गठन के बाद उपेक्षा के चलते मार्ग बंदी के कगार पर पहुँच गया है. विशेषकर सिगड्डी स्रोत और मैली स्रोत नालों पर अधूरे पुल सबसे बड़ी बाधा हैं. जनता की समस्याएं सांसद बलून...
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ अभियान का नेतृत्व

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ अभियान का नेतृत्व

देहरादून
देहरादून. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक पलटन बाजार में आयोजित ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ जनजागरूकता अभियान का नेतृत्व किया. इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय व्यापारियों, स्वयंसेवी संगठनों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत तथा वोकल फॉर लोकल के संकल्प को मजबूत बनाएं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वदेशी अपनाना केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य भी है. उन्होंने जोर दिया कि जब हम देश में निर्मित वस्तुओं को खरीदेंगे, तो न केवल हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को भी बल मिलेगा. उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों से आग्रह किया कि वे अपनी दुकानों पर ‘स्वदेशी नाम पट्टिका’ अवश्य लगाएं, ताकि उपभोक...