राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से चलाया जा रहा है किसान मेला, किसानों के खेती के आधुनिक तौर–तरीकों को पशुधन की देखभाल को लेकर दी जा रही जानकारी
- हिमांतर ब्यूरो, पौड़ी
पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास में 21 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलने वाले तीन दिवसीय किसान मेले की शुरुआत हुई. यह मेला लौह सिद्ध वनवासी हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा एवं गोमुख डेयरी के लोकार्पण के अवसर पर आयोजित किया गया है. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के सहयोग से कृषि के लिए उपयोगी सामग्री वितरित की. अगले तीन दिन तक यमकेश्वर ब्लॉक के कई गांवों के किसानों को यह सामग्री दी जाएगी.
चलाए जा रहे इस किसान मेले का उद्घाटन उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध सिंह उनियाल ने किया. इस अवसर पर एनडीआईआर के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान भी उपस्थित रहे. इस किसान मेले में किसानों को खेती-बाड़ी के आधुनिक तरीके, पशुधन से संबंधित उन्नत जानकारी और दूध से तैयार होने वाले उत्पादों की जानकारी दी जा रही है. कृषि मंत्री ने यहां एनडीआरआई की तरफ से कुछ किसानों को बीज औरज्योतिष
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में कई तरह की पहल की गई हैं. सरकार का प्रयास है कि लोग कृषि और उससे संबंधित कामकाज के जरिये अपनी आय को बेहतर बनाएं. उन्होंने कहा कि लोगों का रुझान कृषि के प्रति दोबारा आकर्षित करने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने लोगों से कृषि के प्रति उत्साह दिखाने की अपील की. इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय लोगों की कृषि से संबंधित समस्याओं को सुना और अधिकारियों को उन्हें तत्काल दूर करने के निर्देश दिए. उन्होंने विशेष रूप से आजतक के संपादक राष्ट्रीय सुरक्षा मनजीत नेगी के प्रयास को सराहा और कहा कि वह दिल्ली में रहते हुए गांवों के लोगों को कृषि के क्षेत्र में आधुनिक बनाने की अभिनव पहल चला रहे हैं.
ज्योतिष
एनडीआरआई के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीकों के प्रति जागरुक किया जाए. इसी कड़ी में तल्ला बनास में बनाई गई गोमुख डेयरी के साथ एनडीआईआर जुड़ा और यहां आधुनिक तकनीकों का प्रयोग हिल-मेल फाउंडेशन द्वारा की गई है. इसका उद्देश्य लोगों को पारंपरिक एवं आधुनिक खेती और पशुपालन के लिए प्रेरित करना है. गोमुख डेयरी की परिकल्पना इस क्षेत्र में किसानों को पशुधन से संबंधित सभी तरह का आधुनिक प्रशिक्षण देने वाले एक बड़े केंद्र के रूप में की गई है.
गायों के दूध, उनकी देखरेख और दूध से बनने वाले उत्पादों के लिए किया जा रहा है. संस्थान के वैज्ञानिक नियमित रूप से यहां आ रहे हैं. आने वाले दिनों में एनडीआरआई कई तरह गतिविधियां कराएगा. गोमुख डेयरी वेलफेयर सोसायटी की स्थापना