Home दिल्ली-एनसीआर पर्वतीय लोकविकास समिति का 19वां स्थापना दिवस और पत्रकार डॉ.वेदप्रताप वैदिक की स्मृति सभा

पर्वतीय लोकविकास समिति का 19वां स्थापना दिवस और पत्रकार डॉ.वेदप्रताप वैदिक की स्मृति सभा

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पर्वतीय लोकविकास समिति का 19वां स्थापना दिवस और पत्रकार डॉ.वेदप्रताप वैदिक की स्मृति सभा
Pravatiya Lokvikas Samiti
  • Himantar Webdesk

नई दिल्ली के प्रेस क्लब में पर्वतीय लोकविकास समिति ने अपने 19 वें स्थापना दिवस समारोह में शीर्ष पत्रकार, हिन्दी भाषा के योद्धा और अपने संरक्षक प्रो.वेदप्रताप वैदिक की स्मृति में एक चर्चा गोष्ठी आयोजित की जिनमें वैदिक जी से जुड़े बुद्धिजीवियों और उनके साथ कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने जीवंत स्मरण प्रस्तुत कर वैदिक जी की हिन्दी सेवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान का स्मरण किया. स्मृतिसभा में उपस्थित लोगों ने डॉ.वेदप्रताप वैदिक के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की तो आचार्य महावीर नैनवाल ने शांतिपाठ किया.

स्मृति सभा का विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और पर्वतीय लोकविकास समिति के राष्ट्रीय संयोजक सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएचडी के शोध प्रबंध को हिंदी में न केवल लिखना बल्कि एक राष्ट्रीय बहस के बाद उसे स्वीकृत करवाना ऐसा साहस वैदिक जी में ही था. देश के तीन -तीन  प्रधानमंत्रियों के साथ निकटता के वावजूद व्यक्तिगत नहीं लोकहित और देशहित वैदिक जी का लक्ष्य था.

प्रमुख उद्योगपति बीकानेरवाला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और भारत विकास परिषद सेवा प्रकल्प के चेयरमैन श्री नवरतन अग्रवाल ने कहा कि वैदिक जी का व्यक्तित्व बहुत विराट, उनका कृतित्व लोक विख्यात और उनका आचरण और व्यवहार अप्रतिम था.

 नेशनल एक्सप्रेस प्रकाशन समूह के संस्थापक  तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मतदाता संगठन विपिन गुप्ता ने कहा कि देश ,भाषा,समाज,राजनीति,विदेश नीति हो या मीडिया सबके चहेते थे वेदप्रताप वैदिक लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत अपने लिए सम्बन्ध नहीं भुनाए व्यापक समाज और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी. डॉ.वेदप्रताप वैदिक और उनकी सहधर्मिणी डॉ. वेदवती वैदिक की शिष्या डीयू के संस्कृत विभाग की प्राध्यापिका प्रो.सुषमा चौधरी ने कहा कि वैदिक जी सहज,सरल स्वभाव के धनी थे,नियम और आदर्श के पक्के थे. हम लोगों को उन्होंने अपनी संतान मानकर सदैव विश्वास किया.

वरिष्ठ पत्रकार व्योमेश चंद्र जुगरान ने कहा कि जब हम गढ़वाल विश्वविद्यालय में पत्रकारिता पढ़ रहे थे तब वैदिक जी की लिखी पुस्तकें पढ़ते थे . मेरा सौभाग्य ये है की जब पत्रकारिता में आया तो तब नवभारत टाइम्स और भाषा जैसी समाचार एजेंसी को सशक्त करने वाले वैदिक जी के साथ सहयोगी रूप में कार्य करने का अवसर पा रहा था.

वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी ने कहा कि डॉ.वेदप्रताप वैदिक अपने में एक बड़ी संस्था थे,सब प्रकार की विचारधारा वाले लोगों से निकटता के वावजूद उन्हें देश का विचार सबसे बड़ा लगता था. अणुव्रत योग संस्थान के संयोजक और वैदिक जी के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करने वाले डॉ.रमेश कांडपाल ने कहा कि वैदिक जी ने अपने सहयोगियों को सदैव आत्मीय और मित्रवत माना.

पर्वतीय लोकविकास समिति के चेयरमैन विनोद नौटियाल ने कहा कि डॉ.वैदिक एक बड़े बौद्धिक योद्धा थे लेकिन भावना और कमिटमेंट के लिए विख्यात. पर्वतीय लोकविकास समिति के आयोजनों में अभिभावक के रूप में डॉ.वैदिक चाहे उत्तरायणी हो, डॉ. मुरली मनोहर जोशी अभिनंदन अथवा सुदूर क्षेत्रों में समिति के छोटे आयोजन, वे पहुंचकर हमें चकित करते थे.

वरिष्ठ पत्रकार और प्यारा उत्तराखंड के संपादक देव सिंह रावत ने कहा कि वेद प्रताप वैदिक जी की विचारधारा क्या थी,वो कैसे पत्रकार थे,इससे ज्यादा बड़ी बात ये है कि वे युवा काल से जीवन के आखिर तक हिन्दी भाषा के सम्मान और देशव्यापी स्वीकार्यता के पक्षधर थे.

पत्रकार  विष्णुगुप्त ने कहा कि वैदिक जी की पत्रकारिता देश के ज्वलंत मुद्दों की अभिव्यक्ति, साहस और सपाटबयानी के साथ सत्ताधीशों को भी आंख दिखाने वाली थी. चर्चा गोष्ठी का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और गणेश कथा के मर्मज्ञ भानुप्रताप मिश्र ने कहा कि वेद प्रताप वैदिक का जाना भाषा और पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

स्मृति सभा की अध्यक्षता पर्वतीय लोकविकास समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने कहा कि वेदप्रताप वैदिक जी पराक्रमी और बौद्धिक व्यक्ति थे,उन्होंने देश में जहां पत्रकारों की एक नई पीढ़ी को गढ़ने का काम किया वहीं अपनी संस्कृति और परंपरा के सम्मान का आग्रह नहीं छोड़ा. डॉ.मुरली मनोहर जोशी जी के नाम से पर्वतीय लोकविकास समिति के आग्रह पर बौद्धिकों की चयन समिति ने नाम सुझाए तो उनमें पहला नाम डॉ. वैद प्रताप वैदिक जी का ही था.

पर्वतीय लोकविकास समिति के महासचिव दीवान सिंह रावत ने समिति की 19 वर्ष की कार्य उपलब्धियों का वृत्त प्रस्तुत किया. समिति के स्थापना दिवस पर राष्ट्र गौरव,दिल्ली गौरव और उत्तराखंड गौरव से कई विभूतियों को सम्मानित किया गया. समिति ने  इस अवसर पर कई प्रतिभाओं को डॉ.वेदप्रताप वैदिक स्मृति सम्मान से भी सम्मानित किया. समारोह के अंत में उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार दिवंगत हरीश चंदोला को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा .

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