संस्कृति और जमीन बचाने के जुलूस के साथ उत्तराखंड महिला मंच ने मनाया अपना 28वां स्थापना दिवस

  • हिमांतर ब्यूरो, देहरादून

उत्तराखंड महिला मंच ने आज अपना 28 वां स्थापना दिवस, गांधी पार्क से शहीद स्थल तक एक सांस्कृतिक जुलूस निकालते हुए मनाया. इस सांस्कृतिक जुलूस की शुरुआत करते हुए, गांधी पार्क में बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्तराखंडी वेशभूषा में उत्तराखंडी वाद्य यंत्रों की गर्जना के साथ अपने अलग-अलग क्षेत्रीय सामूहिक सांस्कृतिक गीतों व नृत्य का प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए भारी नारेबाजी भी की.

भारी संख्या मे महिलाओं के अलावा आज मंच के स्थापना दिवस पर उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए “भू-कानून संयुक्त संघर्ष मोर्चा” से जुड़े युवा शक्ति संगठन के युवाओं ने भी भारी संख्या में इस अवसर पर अपनी भागीदारी दी, इसके अलावा मोर्चा से जुड़े आंदोलनकारी मंच, गढ़वाल सभा,  अन्य संघर्षशील भू-कानून संघर्ष समर्थक जन संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में जुलूस में शामिल रहे. गांधी पार्क में जब सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे थे तो उस समय वहां से जुलूस के बाहर सड़क को आते समय आने-जाने के लिए बने मुख्य द्वार को किसी के द्वारा बंद कर दिया गया इससे महिलाएं व मोर्चा से जुड़े आंदोलनकारी उग्र हो गए, आक्रोश को देखते हुए तब गेट खुलवाया गया.

बाहर सड़क पर निकलने से पूर्व महिला मंच संयोजक कमला पंत द्वारा सभी को संबोधित करते हुए बताया गया कि वर्तमान राज्य व्यवस्था व राज्य सरकारों की नीतियों के चलते, उत्तराखंड की संस्कृति उसकी अस्मिता,  पहचान, जीवन शैली खतरे में पड़ते जा रही है. जिस पलायन को रोकने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा इस उम्मीद से उत्तराखंड की मातृ शक्ति, युवा शक्ति,  आंदोलनकारी उत्तराखंडी जनता के संघर्षों बलिदानों से यह राज्य बना,  उस राज्य में आज पहले से ज्यादा पलायन व बेरोजगारी बढ़ी है.

उत्तराखंड की कला-संस्कृति यहां के लोगों की जीवन शैली खानपान भाषा बोली खतरे में पड़ते जा रही है. जिस तरह से यहां की जमीनें, बाहरी धन्ना सेठों-भूमाफियाओं के हाथों जाती जा रही हैं,  उससे तो पूरा अपना उत्तराखंड और उत्तराखंड की अपनी पहचान उसकी संस्कृति ही खत्म हो जाएगी. इसीलिए आज हमने इस सांस्कृतिक जुलूस के जरिए जन-जन को जगाने और उसकी जन भावना को स्वर देने और इसके जरिए सरकार को भी जगाने के लिए अपने इस स्थापना दिवस पर यह कार्यक्रम रखा है .

महिला मंच के जिला अध्यक्ष और गढ़वाल सभा के उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट और संयोजक उषा भट्ट ने कहा कि जब से 2018 का भू कानून सत्तासीन सरकार लाई है तब से तो बेरोकटोक यहां की पहाड़िया, पठार, यहां की सभी महत्वपूर्ण जमीनें, यहां के लोगों के हाथों से खिसकते जा रही हैं, उसे देखते हुए, सबसे ज्यादा और पहली जरूरत है कि सरकार अपने 2018 के भू-कानून को तत्काल वापस ले. युवा शक्ति संगठन के मनीष और आशीष को गुसाईं ने कहा कि सरकार यदि हिमाचल की ही तरह यहां पर, वहां से भी सशक्त भू-कानून जल्दी ही नहीं लाएगी तो उसका खामियाजा तो इस सरकार को निश्चित ही भुगतना पड़ेगा.

उत्तराखंड की युवा शक्ति इनकी मुंह जबानी लफ्फाजी को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकती है. महिलाओं ने मुजफ्फरनगर कांड के महिला सम्मान व मुजफ्फरनगर कांड के अपराधियों को अभी तक भी सजा दिलाने , और जन भावना के अनुरूप गैरसैन को राजधानी बनाने के बारे में भी कुछ भी न किए जाने पर भी अपना आक्रोश प्रदर्शित किया.

गांधी पार्क से निकलकर जोरदार वाद्य यंत्रों  की गर्जना और नारेबाजी के साथ यह जुलूस गांधी पार्क से घंटाघर वहां से पलटन बाजार होते हुए शहीद स्थल पर पहुंचा. रास्ते पर पहाड़ी गीतों और भू कानून को लेकर जबरदस्त नारेबाजी भी की जाती रही. महिलाओं ने बीच-बीच में सामूहिक क्षेत्रीय नृत्य प्रदर्शन करते हुए भी स्थापना दिवस पर अपना उत्साह प्रदर्शन किया.

शहीद स्मारक स्थल पर उत्तराखंड के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए महिला नेतृत्व कारियों ने भू कानून संयुक्त संघर्ष मोर्चा के घटक संगठनों, आंदोलनकारी मंच,  गढ़वाल सभा , युवा शक्ति संगठन , आदि सभी आंदोलन समर्थक संगठनों का आभार व्यक्त किया गया और आज के दिवस आजादी की लड़ाई में काकोरी कांड में शहीद हुए,  अग्रगण्य महान क्रांतिकारी शहीद रामप्रसाद बिस्मिल अशफाक उल्ला और राजेंद्र दास जी के प्रति श्रद्धांजलि देने के बाद स्थापना दिवस की सभी को बधाई और सहयोग हेतु धन्यवाद दिया गया.

इस आयोजन में प्रमुख रूप से आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जग मोहन नेगी, मोहन खत्री,  नेताजी संघर्ष समिति के प्रभात डबराल,  गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना और सचिव गजेंद्र भंडारी सतीश धौलाखंडी जगदीश कुकरेती कुलदीप अश्विनी त्यागी भुनेश्वरी कटहर पदमा गुप्ता सीमा नेगी शांति नेगी कमलेश्वरी बडौदा हेमलता नेगी सीमा नेगी शांति सेमवाल आदि ने भागीदारी की.

Share this:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *