15-16 नवम्बर 2025 को आयोजित होगा दूसरा उत्तराखण्ड बर्ड काउंट

Uttarakhand Bird Count 2025
  • हिमांतर ब्यूरो, देहरादून

दूसरा उत्तराखण्ड बर्ड काउंट (UBC 2025) पूरे राज्य में 15–16 नवम्बर 2025 को आयोजित किया जा रहा है। इसमें स्थानीय पक्षी प्रेमियों, सामुदायिक समूहों, विद्यार्थियों, नेचर गाइडों, उत्तराखण्ड वन विभाग और उत्तराखण्ड राज्य जैवविविधता बोर्ड के सहयोग से समन्वित पक्षी अवलोकन कार्यक्रम किए जाएंगे।

इस वर्ष यह आयोजन उत्तराखण्ड राज्य गठन की 25वीं वर्षगांठ (9 नवम्बर 2000) के अवसर पर हो रहा है, जो राज्य की प्राकृतिक धरोहर और साझा पर्यावरणीय पहचान का उत्सव भी है। यह आयोजन 2024 में हुए पहले राज्यव्यापी बर्ड काउंट पर आधारित है और इसका उद्देश्य हर वर्ष पक्षियों के अवलोकन और दस्तावेजीकरण की परंपरा को आगे बढ़ाना है।

पहले उत्तराखण्ड बर्ड काउंट (2024) में प्रतिभागियों ने राज्य में ज्ञात 731 पक्षी प्रजातियों में से 399 प्रजातियाँ दर्ज की थीं – जो उत्तराखण्ड की पक्षी विविधता और व्यापक नागरिक सहभागिता की महत्ता को दर्शाता है।

इस वर्ष के बर्ड काउंट में 81 से अधिक पक्षी अवलोकन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं – जिनमें से 62 सार्वजनिक वॉक सभी नागरिकों के लिए खुले हैं और 19 स्थानीय आमंत्रण-आधारित कार्यक्रम हैं। यह आयोजन राज्य के सभी 13 जनपदों में होगा। उत्तराखण्ड बर्ड काउंट की विशेषता इसका सामुदायिक नेतृत्व वाला स्वरूप है – जिसमें स्थानीय पक्षी प्रेमी, विद्यालय, ग्राम समूह, नेचर गाइड, गैर-सरकारी संस्थाएँ (NGOs) और निजी पर्यटन उद्यम मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसे संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं तथा राज्य जैवविविधता बोर्ड का सहयोग प्राप्त है। कार्यक्रम ग्रेटर हिमालय के ऊँचे और दुर्गम क्षेत्रों (चमोली, पिथौरागढ़,उत्तरकाशी) से लेकर मध्य हिमालयी क्षेत्र, सिवालिक पहाड़ियों और तराई-भाभर के मैदानी इलाकों तक आयोजित किए जा रहे हैं।

Bird Watching
picture courtesy: Riya Jain

संगठित कार्यक्रमों के साथ-साथ, कई स्वतंत्र पक्षी प्रेमी भी पूरे राज्य में बर्डिंग में भाग लेंगे – जिससे यह आयोजन उत्तराखण्ड के वार्षिक पक्षी अवलोकन कार्यक्रमों में सबसे महत्वपूर्ण बन गया है।

राज्यभर में इस आयोजन में व्यापक भागीदारी यह दर्शाती है कि पक्षी अवलोकन अब केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सीखने, क्षेत्रीय शिक्षा, वैज्ञानिक योगदान और स्थानीय आजीविका को सशक्त बनाने का माध्यम बन गया है।  UBC 2025 में श्रवण और दृष्टि बाधित पक्षी प्रेमियों द्वारा आयोजित विशेष सत्रों ने इस आयोजन को और अधिक समावेशी और सुलभ बना दिया है, जिससे यह साबित होता है कि प्रकृति के साथ जुड़ाव किसी सीमा में बंधा नहीं है।

इस वर्ष आयोजन में महिलाओं की भागीदारी भी पहले की तुलना में काफी अधिक है – चाहे वह राज्यस्तरीय समन्वय में हो या स्थानीय पक्षी वॉक के नेतृत्व में। उनकी भूमिका अब राज्य के नागरिक संरक्षण परिदृश्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है।

किरण बिष्ट, फ्रीलांस बर्ड गाइड (कोटद्वार, उत्तराखण्ड) कहती हैं:  “UBC 2025 सिर्फ पक्षियों की गिनती का कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रकृति की सुंदरता का उत्सव है और लोगों को उससे जुड़ने की प्रेरणा देता है। हर बर्ड काउंट नई सीख, नई उम्मीद और उत्तराखण्ड में पक्षी संरक्षण के प्रति नई जिम्मेदारी लेकर आता है। हिमाचल और उत्तराखण्ड में अपने बर्डिंग टूर के माध्यम से मैं हमेशा हिमालय की सुंदरता और उसकी अद्भुत पक्षी संपदा को साझा करना पसंद करती हूँ।”

आंचल सकलानी, वैज्ञानिक, राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, उत्तराखण्ड, कहती हैं:  “UBC 2025 सत्र का नेतृत्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है और लोगों को विज्ञान के माध्यम से प्रकृति से जोड़ने का अवसर भी। हर अवलोकन प्रजातियों के दस्तावेज़ीकरण, आवासों की समझ और हमारे वेटलैंड संरक्षण की ज़रूरत को समझाने में मदद करता है।”

डॉ. धनंजय मोहन, आईएफएस, सेवानिवृत्त, पूर्व प्रमुख उत्तराखंड वन विभाग, बर्डवाचर, नेचुरलिस्टका कहना है:  “हमें इस वर्ष यूबीसी में भारी संख्या में लोगों की भागीदारी की उम्मीद है। यह न केवल हमारे राज्य में बर्डवाचिंग को और लोकप्रिय बनाएगा, बल्कि पक्षी-आधारित पारिस्थितिक पर्यटन और ग्रामीण आजीविका को भी बढ़ावा देगा।”

रामनारायण (इंडियाज़ नेचर) का कहना है:  “उत्तराखण्ड ने नैतिक पक्षी और प्रकृति मार्गदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई है। UBC वह स्थान है जहां हम ‘कहने से करने’ की ओर बढ़ते हैं। हर दर्ज अवलोकन हमें यह समझने में मदद करता है कि यहां क्या बसता है, वह कैसे बदल रहा है, और हमारी ध्यान देने की ज़रूरत कहाँ है।”

प्रशांत कुमार, नैचुरलिस्ट एवं बर्डिंग टूर लीडर (इंडिया बर्डवॉचिंग टूर) कहते हैं: “UBC एक ऐसा पहल है जो पक्षी प्रेमियों, शोधकर्ताओं और नेचर गाइडों को एक साथ लाता है, ताकि पक्षी संरक्षण के लिए अर्थपूर्ण डेटा तैयार किया जा सके। ऐसे नागरिक-आधारित प्रयास हमें पक्षी आबादी के रुझान समझने और दीर्घकालीन संरक्षण को मजबूत करने में मदद करते हैं।”

कार्यक्रम का अद्यतन विवरण, स्थान और सहभागिता लिंक शीघ्र ही उपलब्ध होगा: https://birdcount.in/event/uttarakhand-bird-count/

चेकलिस्ट जमा करने की अंतिम तिथि: 23 नवम्बर 2025

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