इस वर्ष 17.68 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन
केदारनाथ. भैया दूज के पावन अवसर पर आज प्रातः 8:30 बजे भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं उपस्थित रहे।
कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को स्थानीय पुष्पों से सजाया गया और सेना के बैंड की भक्ति धुनों के साथ पूरा परिसर “हर हर महादेव” और “जय बाबा केदार” के उद्घोषों से गूंज उठा। ठिठुरन भरे मौसम में भी लगभग 10 हजार श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।

ब्रहममुहूर्त में मुख्य पुजारी बागेशलिंग और आचार्यगणों द्वारा यज्ञ, हवन एवं समाधि पूजन के पश्चात स्वयंभू शिवलिंग को ब्रह्मकमल, कुमजा, बुकला व अन्य पुष्पों से ढककर समाधि रूप दिया गया। तत्पश्चात गर्भगृह के द्वार बंद किए गए। इसके बाद पंचमुखी उत्सव डोली को रामपुर के लिए प्रस्थान कराया गया। कल डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी और 25 अक्टूबर को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में केदारपुरी का दिव्य और भव्य पुनर्निर्माण हुआ है। इस वर्ष चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिनमें 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए।”

उन्होंने शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित करते हुए श्रद्धालुओं से चारधाम के गद्दीस्थलों में दर्शन हेतु आने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने यात्रा की सफल व्यवस्था में योगदान देने वाले सभी विभागों, स्थानीय नागरिकों, सुरक्षा बलों, मंदिर समिति और स्वयंसेवी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।
कपाट बंद समारोह में विधायक आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
