‘कस्तूरबा’ से ‘बा’ तक का गुमनाम सफर

‘कस्तूरबा’ से ‘बा’ तक का गुमनाम सफर

भावना मासीवाल 22 फरवरी को ‘बा’ की पुण्यतिथि थी. उन पर न कोई आयोजन था न ही कोई चर्चा-परिचर्चा. हर तरफ थी तो सिर्फ ख़ामोशी. जबकि ‘बा’ इतिहास के पन्नों में दफन कस्तूरबा गाँधी का नाम है. यह नाम आज़ादी की लड़ाई में अपनी पूरी निष्ठा व बलिदान के साथ मौजूद था. यह नाम दक्षिण अफ्रीका […]

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 नागरिकों को नैतिक होने के लिए सूचित करने की आवश्यकता…

नागरिकों को नैतिक होने के लिए सूचित करने की आवश्यकता…

सलिल सरोज महात्मा गांधी ने महसूस किया कि शिक्षा से न केवल ज्ञान में वृद्धि होनी चाहिए बल्कि हृदय और साथ में संस्कृति का भी विकास होना चाहिए. गांधी हमेशा से और हित चरित्र because निर्माण के पक्ष में थे. चरित्र निर्माण के बिना शिक्षा उसके अनुसार शिक्षा नहीं थी. उन्होंने एक मजबूत चरित्र को एक […]

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 गांधी, सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं

गांधी, सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं

प्रकाश चंद्र गांधी अभ्यास, गतिशीलता, संयम और जिद का नाम है। गांधी एक दिन की मूर्तिपूजा और पुष्पांजलि के विषय नहीं है बल्कि हर दिन के अभ्यास का विषय हैं। गांधी सवाल और चुनौती भी हैं तो जवाब भी हैं। इसलिए भारत को अपनी समस्याओं से पार पाने और उनके उत्तर तलाशने के लिए बार-बार […]

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