Tag: शिल्पकार

“देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” का भव्य समापन, मुख्यमंत्री धामी बोले – सीमांत गांवों में पर्यटन और आर्थिकी को मिलेगी नई दिशा

“देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” का भव्य समापन, मुख्यमंत्री धामी बोले – सीमांत गांवों में पर्यटन और आर्थिकी को मिलेगी नई दिशा

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, माणा (चमोली) देश के प्रथम गांव माणा में आयोजित दो दिवसीय “देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” का रविवार को भव्य समापन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. इस आयोजन में स्थानीय समुदायों, पर्यटकों, भारतीय सेना के जवानों और गणमान्य अतिथियों की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखने को मिली. महोत्सव का आयोजन भारतीय सेना एवं उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था. मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “स्थानीय जनता, सेना और प्रशासन के समन्वित प्रयासों से यह आयोजन बेहद सफल रहा है, जिसने सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को सशक्त करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है.” मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन एवं सेना द्वारा लगाए गए स्टॉलों और “नो योर आर्मी” प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय सेना और ना...
देश-दुनिया में शायद ही कहीं ऐसा हुआ हो- पंड़ित, क्षत्रीय और शिल्पकार का सफल संयुक्त परिवार

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टिहरी गढ़वाल
डॉ. अरुण कुकसाल उत्तराखण्ड में सामाजिक चेतना के अग्रदूत 'बिहारी लालजी' के 18 मार्च, 2021 को बूढ़ाकेदार आश्रम में निधन  होना एक युग नायक का हमारे सामाजिक जीवन से प्रस्थान करना है. टिहरी गढ़वाल जनपद की भिलंगना घाटी में धर्मगंगा और बालगंगा के संगम पर है बूढ़ाकेदार (पट्टी-थाती कठूड़). समुद्रतल से 1524 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बूढ़ाकेदार so कभी गंगोत्री - केदारनाथ पैदल मार्ग का प्रमुख पड़ाव था. यह क्षेत्र नाथ संप्रदाय से प्रभावित रहा है. ‘गुरु कैलापीर’ इस क्षेत्र का ईष्टदेवता है. यहां बुढाकेदारनाथ, राजराजेश्वरी और बालखिल्येश्वर के प्राचीन मंदिर हैं. टिहरी गढ़वाल यह सर्वमान्य हक़ीक़त है कि जातीय भेदभाव से आज भी हमारा समाज नहीं उभर पाया है.  समय-समय पर जागरूक लोगों ने इसके लिए प्रयास जरूर किए पर कमोवेश आज भी because हमारा समाज इस मुद्दे पर सदियों पूर्व की यथास्थिति में वहीं का वहीं ठिठका हुआ ...