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विजय जड़धारी: बीजों के जादूगर और पहाड़ की उम्मीद

विजय जड़धारी: बीजों के जादूगर और पहाड़ की उम्मीद

उत्तराखंड हलचल
इंद्रमणी बडोनी स्मृति सम्मान 2025 पर विशेष शीशपाल गुसाईं उत्तराखंड की धरती पर जब भी लोक चेतना, संघर्ष और प्रकृति संरक्षण की बात होगी—दो नाम हमेशा गूंजेंगे. पहला, उत्तराखंड राज्य आंदोलन के जननायक इंद्रमणी बडोनी, और दूसरा, बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता विजय जड़धारी. आज जब विजय जड़धारी को स्व. इंद्रमणी बडोनी स्मृति सम्मान से विभूषित किया गया, तो यह महज एक व्यक्ति का सम्मान नहीं, बल्कि पारंपरिक कृषि, बीजों की विरासत और प्रकृति संरक्षण की पूरी विचारधारा का अभिनंदन है. एक साधारण किताब की दुकान से आंदोलन के सफर तक  सन 1974. चंबा (टिहरी गढ़वाल) में विजय जड़धारी के पिता ने उनके लिए किताबों की एक दुकान खोली. यह दुकान उनकी रोज़ी-रोटी हो सकती थी, मगर नियति ने उन्हें एक बड़ा मकसद दिया. इसी वर्ष वह श्री सुंदरलाल बहुगुणा और अन्य साथियों के साथ अस्कोट–आराकोट पदयात्रा पर निकले—यह यात्रा महज़ क़दम...
स्टोन फ्रूट मिशन बदलेगा उत्तराखंड की बागवानी का भविष्य

स्टोन फ्रूट मिशन बदलेगा उत्तराखंड की बागवानी का भविष्य

देहरादून
  'धाद' संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने रखे विचार जेपी मैठाणी, देहरादून उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में स्टोन फ्रूट की बागवानी को बेहतर करने की दिशा में चलाए जा रहे अभियान के तहत 'धाद' संस्था और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से विमर्श में विशेषज्ञों ने पारंपरिक बीज और आधुनिक तकनीक के बारे में बताया. इस दौरान सभी ने कहा कि उत्तराखंड में स्टोन फ्रूट्स (गुठलीदार फल: आडू, प्लम, खुमानी) की संभावना काफी है. इसलिए इसपर जोर दिया जाना चाहिए ताकि आर्थिक रूप से भी किसान मजबूत हो सके. कहा कि यदि हम स्टोन फ्रूट्स पर कार्य करेंगे तो सेब और कीवी से ज्यादा लाभ इनसे कमा सकते हैं. वक्ताओं ने हिमाचल की भांति उत्तराखंड को भी स्टोन फ्रूट की ओर रुख करने पर जोर दिया. शनिवार को दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में 'आडू, प्लम, खुमानी का महीना' के त...