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खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025 : आध्यात्मिकता, संस्कृति और सतत विकास की चेतना से गूंजता हिमालय

खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025 : आध्यात्मिकता, संस्कृति और सतत विकास की चेतना से गूंजता हिमालय

टिहरी गढ़वाल
हिमांतर ब्यूरो, टिहरी गढ़वाल हिमालय की शाश्वत नीरवता में जब भक्तों के जयकारे और लोकगीतों की गूंज घुलती है, तो वह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं रह जाती- वह बन जाती है एक चेतना का आंदोलन. ऐसी ही चेतना का पर्व बन चुकी है 41वीं खतलिंग हिमालय जागरण महायात्रा 2025, जो बूढ़ाकेदार, चूला गढ़ बासर, माँ भगवती राजराजेश्वरी, प्रथम केदार बैलेश्वर से लेकर सीमांत गांव गंगी तक अपने ऐतिहासिक पड़ावों में सम्पन्न हुई. यह यात्रा पर्वतीय लोकविकास समिति, इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली, देवलिंग खतलिंग पर्यटन विकास समिति और भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई. यात्रा का मूल उद्देश्य हिमालय के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व को उजागर करते हुए युवाओं में सतत विकास और सामाजिक चेतना के प्रति जागरूकता फैलाना रहा. बूढ़ाकेदार से शुरू हुई जनचेतना की पदयात्रा दिल्ली...
साकार होता खतलिंग पांचवां धाम  का इंद्रमणि बडोनी का स्वप्न

साकार होता खतलिंग पांचवां धाम  का इंद्रमणि बडोनी का स्वप्न

पर्यटन
हिमालय दिवस (9 सितंबर) पर विशेष कवि बीर सिंह राणा 2 सितंबर 2021 का दिन वास्तव में  भिलंगना घाटी के लिए अविस्मरणीय और गौरवमय इतिहास का साक्षी बन गया. जहां पिछले ढाई दशक से सजग मातृशक्ति because और ऊर्जावान युवाओं का आह्वान किया जाता रहा कि खतलिंग को पांचवां धाम स्वार्थी और सत्तालोलूप नेता नहीं स्थानीय जनशक्ति बनाएगी और वो भी तब जब  घुत्तू में मेले  तक सीमित ऐतिहासिक कोलकाता महायात्रा  बडोनी जी वाले स्वरूप में लौटेगी. घाटी के युवा ही नहीं माता -  बहनें 2015 से लगातार खतलिंग सहस्रताल तक की यात्रा करने वाले आधे दर्जन लोगों के जुनून से वाकिफ भी थे ,सहानुभूति केक्साथ सहयोग और बराबर रुचि भी ले रहें थे  . 2016 से जब दिल्ली से बडोनी जी की खतलिंग महायात्रा को पद्मविभूषण because सुंदरलाल बहुगुणा जी की प्रेरणा से हिमालय जागरण से जोड़ा गया,सोशल मीडिया,पत्र पत्रिकाओं और विभिन्न मंत्रालयों और सरका...