
- हिमांतर ब्यूरो, नैनीताल/देहरादून

पहाड़, मानवजनित आपदा
से जूझ रहा है. पूरे उत्तराखंड में 4 दिनों की लगातार मूसलाधार बारिश ने काफी नुकसान किया है. इस त्रासदी में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. पहाड़ों की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद हैं. 5 बड़े पुल और सैकड़ों जगह से सड़क टूट चुकी है. ‘ऑल वेदर रोड’ की हालत सबसे खराब है. यह किसी भी ‘वेदर’ में सीधे ‘गाड़-गध्यर’ में जा रही है जबकि इसको बनाते हुए ‘अनंत काल’ तक टीके रहने की घोषणा हुई थी.ज्योतिष

इस समय पहाड़ के सभी जिले जलमग्न हैं. हर वर्ष इस मौसम में पहाड़ों में बारिश होती है लेकिन ऐसी बारिश आज से पहले नहीं हुई. पहाड़ की सारी नदियाँ- गाड़-गधेरे उफान पर हैं.
खासकर कुमाऊँ के नैनीताल, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले इस आपदा से ज्यादा प्रभावित हैं. पिछले दो दिनों में इन इलाकों में हुई बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. नैनीताल जिले में 1914 में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी वह भी 254mm थी लेकिन पिछले 24 घंटे में इस इलाके में 340.8mm बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसी से इस आपदा का अंदाजा लगाया जा सकता है.ज्योतिष
ज्योतिष
बारिश का हाल यह है कि तीन दिन से लोग सोए नहीं है. बारिश दिन-रात लागतार लगी हुई है. इन इलाकों में घर के आस-पास के कई खेत, रास्ते ढह चुके हैं. कई पेड़ जड़
से उखड़ गए हैं. इस कारण कई जगह सड़क भी बंद है. पूरे इलाके में एक डर का माहौल बना हुआ है. इस डर में लोगों के लिए रात काटनी ही मुश्किल हो रही है. आज फिलहाल बारिश रुक गई है लेकिन बादल अभी भी कुछ कर गुजरने को आतुर लग रहे हैं. बाकि देहरादून से हवाई सर्वे हो रहा है जबकि नीचे जमीन अभी भी पल-पल धस रही है.ज्योतिष
