दयारा बुग्याल में खेली गई दूध-मक्खन से अनूठी होली

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  • हिमांतर ब्यूरो, उत्तरकाशी

उत्तराखंड में उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल)  का आयोजन किया गया. सदियों से दूध-मक्खन की अनूठी होली खेलने की परंपरा को जीवित रखते हुए स्थानीय ग्रामीणों और पर्यटकों ने इस अद्भुत होली का आनंद लिया.

इस इलाके की परंपरा है कि  ग्रामीण बुग्यालों से अपने मवेशियों को जब अपने घरों की ओर वापसी करते हैं तो इस मौके पर ग्रामीण दूध-दही मक्खन को वन देवताओं और स्थानीय देवताओं को चढ़ाकर आशीर्वाद लेते हैं.

ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर दयारा बुग्याल में दूध-मक्खन की होली खेली गई. उत्सव समेश्वर देवडोली और पांडव पश्वों के सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया. कृष्ण और राधा के मटकी फोड़ने के बाद पंचगाई पट्टी सहित आस-पास के ग्रामीणों ने दूध-दही और मक्खन की होली खेली. गुलाल की जगह एक दूसरे पर लोगों ने दूध-मक्खन लगाकर रासो तांदी नृत्य का आयोजन किया.

जनपद के अन्य स्थानों से भी स्थानीय लोग दयारा बुग्याल पहुंचे. जहां पर पहले पांच पांडव के पश्वा अवतरित हुए और उसके बाद समेश्वर देवता की देवडोली के साथ उनके पश्वा भी अवतरित हुए. लोक पंरपरा के अनुसार समेश्वर देवता ने डांगरियों पर चलकर मेलार्थियों को आशीर्वाद दिया.

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