Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
बिन मां की तीन बेटियों की मुस्कान: जिला प्रशासन की पहल से मिली नई राह

बिन मां की तीन बेटियों की मुस्कान: जिला प्रशासन की पहल से मिली नई राह

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनकभी अपने घर के आंगन तक सीमित रह गईं काजल, रागिनी और प्रीति अब स्कूल की वर्दी पहनकर शिक्षा के मंदिर में कदम रख चुकी हैं. चेहरे पर झलकती यह मासूम मुस्कान केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए उम्मीद का प्रतीक है. बीते दिनों यह तीनों बहनें, अपनी बड़ी बहन सरिता के साथ जिलाधिकारी संविन बंसल से मिली थीं. मां की डूबने से हुई असामयिक मृत्यु और पिता की बेरोज़गारी ने इन नन्हीं बालिकाओं से पढ़ाई का हक़ छीन लिया था. सरिता ने अपनी व्यथा डीएम को सुनाई, फीस चुकाने की सामर्थ्य न होने से तीनों बहनों की पढ़ाई छूट गई थी, और भविष्य अंधकार में डूबने लगा था.लेकिन प्रशासन ने त्वरित निर्णय लेते हुए इनकी ज़िंदगी की दिशा बदल दी. जिलाधिकारी के निर्देश पर काजल (कक्षा 5), प्रीति (कक्षा 4) और रागिनी (कक्षा 3) को राजकीय प्राथमिक विद्यालय, लाडपुर, रायपुर में प्रवेश दिलाया गया. वहीं सरिता...
पर्वत की चोट पर मरहम: मोरी आपदा क्षेत्र की जमीनी पड़ताल

पर्वत की चोट पर मरहम: मोरी आपदा क्षेत्र की जमीनी पड़ताल

उत्तरकाशी
  भूस्खलन से टूटे रास्ते, खतरे में गांव, और उम्मीदों के सहारे खड़े लोग नीरज उत्तराखंडी, पुरोला-मोरीजखोल. जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने रविवार को विकास खंड मोरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण किया. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश्वर लाल भी उपस्थित रहे. मानसून सीजन में विकास खंड मोरी के पर्वत एवं बंगाण क्षेत्र को जोड़ने वाली अनेक आंतरिक सड़क मार्ग भूस्खलन एवं भू-धसाव से जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुई है. जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया और अवरुद्ध सड़क मार्गों को युद्ध स्तर पर सुचारू करने के निर्देश दिए. अतिवृष्टि से किसान एवं बागवानों की फसलों के नुकसान का आंकलन करने के निर्देश मुख्य उद्यान अधिकारी एवं मुख्य कृषि अधिकारी को दिए. उन्होंने बद्रासु गांव में हुए भूस्खलन का निरीक्षण किया. क्षतिग्रस्त पेयजल,विद्युत लाइनों को ठीक कराने के साथ ही पानी और बिजली की ...
हिंदी भाषा के लिए कुछ मत करो, बस गर्व करो

हिंदी भाषा के लिए कुछ मत करो, बस गर्व करो

साहित्‍य-संस्कृति
  हिंदी दिवस (14 सितंबर) पर विशेषडॉ. प्रकाश उप्रेती हिंदी की दुनिया का लगातार विस्तार हो रहा है. इस दुनिया के साथ हिंदी के बाजार का भी विस्तार हो रहा है. इसमें 'हिंदी भाषा' का कितना विस्तार हो रहा है यह संदेहास्पद है! यह संदेह तब और गहरा हो जाता है जब हम देखते हैं कि हिंदी पट्टी के सबसे बड़े राज्य और सबसे अधिक 'हिंदी भाषा की खपत' वाले राज्य की बोर्ड परीक्षा में वर्ष 2019 में 10 लाख बच्चे और 2020 में 8 लाख बच्चे हिंदी में फेल हो जाते हैं. फिर भी हमें बताया जाता है कि हिंदी की इस स्थिति पर विचार करने की बजाय हिंदी पर गर्व करना होता है.“14 सितंबर को हिंदी का श्राद्ध होता है और हम जैसे  हिंदी के पंडितों का यही दिन होता जब हम सुबह से लेकर शाम तक बुक रहते हैं” हिंदी का व्यक्ति, हिंदी का अखबार, हिंदी के विज्ञापन, हिंदी के नेता, हिंदी के शिक्षक सभी हिंदी पर गर्व करने को कहते हैं क्य...
भाषा का स्वराज

भाषा का स्वराज

साहित्‍य-संस्कृति
  हिंदी दिवस (14 सितंबर) पर विशेषप्रो. गिरीश्वर मिश्र  भाषा हमारी अभिव्यक्ति का न केवल सबसे समर्थ माध्यम है बल्कि संस्कृति के निर्माण, संरक्षण, संचार और अगली पीढ़ी तक उसका हस्तांतरण भी बहुत हद तक उसी पर टिका होता है, भाषा संस्कृति की वासस्थली जो ठहरी. ज्ञान के साथ भी भाषा का रिश्ता गहन और व्यापक है क्योंकि भाषा में ही ज्ञान संजोया जाता है. भाषा की बदौलत मनुष्य अपने देश-काल की सीमाओं से परे जा कर नया सृजन भी कर पाता है. वस्तुत: भाषा मनुष्य की एक विलक्षण रचना है, एक ऐसी कृति जो नश्वर मनुष्य के आविष्कार और अभ्यास पर टिकी हो कर भी अत्यंत शक्तिशाली है . दुनिया क्या है और उस दुनिया में हम क्या कुछ कर सकते हैं यह सब बहुत हद तक भाषा की ही देन है. भाषा के लेंस से हम अपनी दुनिया को देखते-समझते हैं. उसी से वस्तुओं को पहचानते हैं, पारस्परिक संवाद करते हैं, प्रार्थना करते हैं और प्यार-मुहब्ब...
सीबीसी नैनीताल के बनाये पोषण गीत को देश को समर्पित करेंगे कोश्यारी

सीबीसी नैनीताल के बनाये पोषण गीत को देश को समर्पित करेंगे कोश्यारी

उधमसिंह नगर
 हिमांतर ब्यूरो, खटीमापूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी गुरुवार से खटीमा में पोषण माह अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे. केंद्रीय संचार ब्यूरो, नैनीताल द्वारा आयोजित इस दो-दिवसीय कार्यक्रम में चित्र प्रदर्शनी और जागरूकता अभियान शामिल हैं. कार्यक्रम की नोडल अधिकारी शर्मिष्ठा बिष्ट ने बताया कि सीबीसी नैनीताल ने जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक पोषण गीत बनाया है, जिसे भगत सिंह कोश्यारी थारू विकास भवन खटीमा से देश को समर्पित करेंगे. यह गीत पोषण के महत्व को बढ़ावा देने और लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया है.चेतना रथ को दिखाई झंडी नगर पालिका चेयरमैन रमेश जोशी और एसडीएम तुषार सैनी ने संयुक्त रूप से पोषण चेतना रथ को रवाना किया. यह रथ खटीमा के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करेगा.प्रतियोगिताओं का आयोजन कार्यक्रम संयोज...
महिला लायनेस क्लब : तनुजा जोशी बनीं अध्यक्षा, शालिनी गुप्ता सचिव

महिला लायनेस क्लब : तनुजा जोशी बनीं अध्यक्षा, शालिनी गुप्ता सचिव

नैनीताल
महिला लायनेस क्लब हल्द्वानी की नई कार्यकारिणी का गठन हल्द्वानी. महिला लायनेस क्लब हल्द्वानी की नई कार्यकारिणी का गठन सुन्दरम बैंक्वेट हॉल में आयोजित भव्य समारोह के दौरान किया गया। इस अवसर पर क्लब की अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी तनुजा जोशी, सचिव का दायित्व शालिनी गुप्ता, कोषाध्यक्ष अलका वार्ष्णेय तथा सोशल मीडिया प्रभारी पूनम सैनी को सौंपा गया. कार्यक्रम में नई अध्यक्षा तनुजा जोशी ने कहा कि वे निष्ठा और ईमानदारी के साथ क्लब को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास करेंगी। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों को प्राथमिकता देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पूर्व पदाधिकारियों के सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार जताया तथा नई टीम को शुभकामनाएँ दीं.इस अवसर पर संस्था की पूर्व अध्यक्ष रीता अग्रवाल, संगीता टंडन, ऊषा मुकेश, कामिनी पाल, हेमा नेगी, मीरा पाल, राधा अग्रवाल, अन...
देवगोति मेला : सोमेश्वर देवता की छांव में लोक जीवन का उत्सव

देवगोति मेला : सोमेश्वर देवता की छांव में लोक जीवन का उत्सव

उत्तरकाशी
 नीरज उत्तराखंडी, पुरोला-मोरी, उत्तरकाशीउत्तराखंड हिमालय का हर गांव अपनी परंपराओं, लोकगीतों और देव-आस्थाओं से बसा-गुंथा है। मोरी ब्लॉक की पंचगाई, अडोर और बडासु पट्टियों के 22 गांवों के लिए हर साल होने वाला देवगोति मेला सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्मिलन और सामूहिक उत्सव है। यह मेला आराध्य देव श्री सोमेश्वर देवता की आराधना के साथ शुरू होता है और पूरे क्षेत्र को लोक रंगों से भर देता है।ढाटमीर से गंगाड तक का सफर मेले की शुरुआत बडासु पट्टी के ढाटमीर गांव से होती है। यहां 10–11 दिन तक पूजा-अर्चना और रात्रिकालीन सांस्कृतिक आयोजन चलते हैं। इसके बाद गंगाड और ओसला गांवों में यह उत्सव आगे बढ़ता है। आज, जब गंगाड गांव ने मेले के अंतिम दिवस का साक्षी बना, तो पूरा वातावरण देवधुनों और लोकगीतों से सराबोर था। सोमेश्वर देवता की डोली जब श्रद्धालुओं के बीच थिरकी, तो आ...
रंवाई की बेटी किरण रौतेला वर्मा बनीं उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की सचिव

रंवाई की बेटी किरण रौतेला वर्मा बनीं उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की सचिव

देहरादून
देश की पहली महिला सचिव बनाकर रचा इतिहासविजेन्द्र रावत, वरिष्ठ पत्रकारदेहरादून के प्रतिष्ठित होटल हयात में शनिवार की शाम कुछ खास थी। हॉल में मौजूद लोग गुलदस्तों और शुभकामनाओं के साथ उस बेटी का स्वागत कर रहे थे, जिसने पहाड़ की मिट्टी से उठकर इतिहास रचा है। सम्मान पाकर झुककर चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेने वाली वह शख्सियत थीं- किरण रौतेला वर्मा, जिन्हें उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन का सचिव चुना गया है। यह केवल उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है, क्योंकि किरण भारत में किसी भी राज्य की क्रिकेट एसोसिएशन की पहली महिला सचिव बनी हैं।पहाड़ से देहरादून तक का सफर किरण उत्तरकाशी ज़िले के दूरस्थ तुनाल्का गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता केदार सिंह रौतेला (रौतेला होटल) ने अपनी मेहनत से रोज़गार का रास्ता बनाया, जिसमें शुरुआती दिनों में किरण ने भी उनका साथ दिया। पढ़ाई के साथ...
शिक्षकों में चाहिए सर्जनात्मक ऊर्जा और उत्साह!

शिक्षकों में चाहिए सर्जनात्मक ऊर्जा और उत्साह!

शिक्षा
  शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) पर विशेषप्रो. गिरीश्वर मिश्र पूर्व कुलपित, वर्धा विश्वविद्यालय देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद सरकारी नीतियों में शिक्षा के विकास को भी जगह मिली और देश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की संख्या में क्रमश: लगभग 92 प्रतिशत और 58 प्रतिशत की आशातीत बढ़ोत्तरी हुई. यद्यपि अभी भी उनकी संख्या जरूरत के मुताबिक अपर्याप्त है तब भी यह निश्चित रूप से एक सकारात्मक पहल और बड़ी उपलब्धि थी. इसके चलते उच्च शिक्षा का विस्तार हुआ. युवाओं की शिक्षा में रुझान बढ़ी और नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई और पूर्णत: शिक्षित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में  हम आगे बढ़े. लेकिन इस मात्रात्मक बदलाव  के समानांतर शिक्षा की गुणवत्ता की चुनौती  बढ़ती  गई जो शिक्षा के बढ़ते विशिष्टीकरण ( स्पेशलाइजेशन) के दौर में और भी उलझती  गई. ऊपर से गुणवत्ता में कमी को संसाधनविहीनता के प...
 5 सितम्बर की क्रांति: कुमाऊं की बारडोली – सल्ट का स्वतंत्रता संग्राम”

 5 सितम्बर की क्रांति: कुमाऊं की बारडोली – सल्ट का स्वतंत्रता संग्राम”

उत्तराखंड हलचल
“खुमाड़ गोलीकांड और सल्ट के रणवीर: एक भूली-बिसरी गाथा”चंद्रशेखर तिवारी Doon Library & Research Centre उत्तराखंड में स्थित अल्मोड़ा जनपद का पश्चिमी सीमावर्ती इलाका सल्ट कहलाता है। तीखे ढलान वाले रुखे-सूखे पहाड़, पानी की बेहद कमी, लखौरी मिर्च की पैदावार और पशुधन के नाम पर हष्ट-पुष्ट बैल इस इलाके की खास पहचान है। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत सल्ट का इलाका चार पट्टियों (राजस्व इकाई) में बंटा हुआ है। दूधातोली पर्वत़ श्रेणी के पनढाल से निकलने वाली पश्चिमी रामगंगा नदी चैखुटिया, मासी व भिकियासैण होकर सल्ट इलाके को छूते हुए भाबर प्रदेश को चली जाती है। स्थानीय लोक गाथाओं के अनुसार यह इलाका ’राजा हरुहीत’ की कर्मभूमि रहा है। राजा हरुहीत का जन्म आज से तकरीबन 200 साल पहले तल्ला सल्ट पट्टी के गुजड़ूकोट गांव में हुआ था। राजा हरुहीत अपनी वीरता के साथ ही अपनी दयालुता व न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे। इ...