
सड़क, पेयजल, बिजली व मनरेगा योजनाओं को लेकर जताई नाराज़गी;
पीएमजीएसवाई ईई के स्थानांतरण का प्रस्ताव पारित
- हिमांतर ब्यूरो, नौगांव (उत्तरकाशी)
विकास खंड नौगांव की बीडीसी बैठक में नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्र की प्रमुख जनसमस्याओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की. बुधवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य की उपस्थिति में ब्लॉक प्रमुख सरोज पंवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में सड़क, पेयजल, बिजली, मनरेगा सहित विभिन्न विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा की गई. बैठक में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल और बागवानी विकास परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार भी मौजूद रहे. बैठक में पीएमजीएसवाई, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, समाज कल्याण, शिक्षा, खाद्य, बिजली, पेयजल, सिंचाई और कृषि-उद्यान विभागों के कार्यों पर विशेष चर्चा हुई.
सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा के दौरान जनप्रतिनिधियों ने नगांण-कुर्सिल सड़क की घटिया गुणवत्ता पर सवाल उठाए. इस पर विभागीय ईई ने मरम्मत, पेंटिंग और नालियों की सफाई के कार्यों की जानकारी दी तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का आश्वासन दिया. साथ ही गातु-मोला पाला सड़क में परिसंपत्तियों के नुकसान का आंकलन करने की मांग की गई.
जनप्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि पीएमजीएसवाई के ईई समस्याओं के समाधान में देरी करते हैं और उनके फोन तक नहीं उठाते. इस पर प्रमुख ने ईई के स्थानांतरण और कार्यों की जांच कराने का प्रस्ताव पारित किया.

पेयजल योजनाओं पर नाराज़गी
पेयजल निगम की समीक्षा के दौरान दखियाटगांव, तटाउ और गोडर पट्टी में जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों पर नाराज़गी जताई गई. इडग और डांडा पेयजल योजनाओं की शिकायतें भी सामने आईं, जबकि देवराणा पम्पिंग योजना के लंबित कार्य को लेकर विभाग ने अगले वर्ष तक पूर्ण करने का आश्वासन दिया.
बागवानी और कृषि को लेकर सुझाव
सीएचओ डॉ. रजनीश सिंह ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए एपल मिशन, कीवी मिशन, एंटी नेट, ड्रिप सिंचाई, वर्मी कम्पोस्ट इकाई और पॉलीहाउस निर्माण जैसी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने क्षेत्र में बागवानी को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई.
भूमि संरक्षण अधिकारी ने बताया कि जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा हेतु घेरबाड़ (फेंसिंग) की डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है और पीएमकेएसवाई के तहत सिंचाई कार्य प्रगति पर हैं.

अन्य प्रस्ताव और निर्देश
सदन में यमुनाघाटी को जिला बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैठक में उठाई गई समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत वन भूमि हस्तांतरण में आ रही बाधाओं को शीघ्र सुलझाने के निर्देश दिए.
बैठक में ज्येष्ठ प्रमुख सीमा चौहान, कनिष्ठ उप प्रमुख कुलदीप कुमार, जिला पंचायत सदस्य बीना चौहान, सीडीओ जय भारत सिंह, एसडीएम बृजेश तिवारी, पीडी अजय सिंह, डीएसओ आशीष कुमार, एसडीओ साधुलाल पयाल, स्वजल के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रताप मटूड़ा, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास यशोदा बिष्ट सहित अन्य अधिकारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान उपस्थित रहे.
