
शैक्षिक नवाचार, अपनी बोली भाषा परंपराओं के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए हुए सम्मानित
- नीरज उत्तराखंडी, पुरोला
यमुनाघाटी के छह शिक्षक-शिक्षिकाओं को राष्ट्रीय शिक्षा रत्न पुरस्कार 2025 से नवाजा गया है. उन्हें यह सम्मान शैक्षिक नवाचारों, अपनी बोली भाषा, संस्कृति परंपराओं के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए प्रदान किया गया है. यह सम्मान गत रविवार को अमेटी विश्वविद्यालय चंडीगढ़ पंजाब के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा रत्न सम्मान समारोह में दिया गया.
बताते चलें कि उत्तराखंड राज्य से कुल 10 शिक्षकों को यह पुररस्कर प्रदान किया गया है, जिसमें उत्तरकाशी के आठ, पौड़ी गढ़वाल के दो शिक्षक शामिल हैं.
समारोह में मुख्य अतिथि स्वामी सुमेधा नंद सरस्वती, पूर्व लोकसभा सदस्य राजस्थान, विशिष्ट अतिथि पूर्व डीजीपी डा. वीके शर्मा, पूर्व डीआइ मोहम्मद आरिफ, वाइस चांसलर एमिटी विवि मोहाली एवं पाई संस्था के संस्थापक डा. हर्षवर्धन सिंह की मौजूदगी में निदेशक, प्रोफेसर, प्रधानाचार्य व सहायक शिक्षकों को यह सम्मान प्रदान किया गया.
सम्मान समारोह में सम्मानित शिक्षक
यमुनाघाटी से सम्मानित होने वालों में एकादशी राणा प्रधानाध्यापिका राप्रावि खाबली सेरा,कुलवंती रावत प्रावि धेवरा,सीमा रानी प्रधानाध्यापिका करनाली बड़कोट,
पृथ्वी सिंह रावत प्रधानाध्यापक राआप्रावि उदकोटी, डा. बिजेंद्र बसियाल प्रवक्ता राजकीय इंटर कालेज पौंटी, जगदीश रावत सहायक अध्यापक राप्रावि बड़कोट,शामिल हैं.
पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, बड़कोट पालिकाध्यक्ष विनोद डोभाल, नगर पालिका अध्यक्ष पुरोला बिहारी लाल, शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने शिक्षकों को सम्मान मिलने पर खुशी जताई है.