स्त्री जीवन के रंग, बस की खिड़की से
सुनीता भट्ट पैन्यूली उत्तराखंड की कुनकुनी ठंड पार हो गयी है एक नर्म गर्मी और फगुनाहट का अहसास राजस्थान के सीमांत प्रदेश में पहुंचकर देह को प्रफुल्लित कर रहा है.हमने अपने शाल और स्वेटर बस में उतारकर रख लिये हैं. हरे-भरे कीकर के पेड़, सूखे जर्र-जर्र ताल-तलैयों और कुंओं का सिलसिला अनवरत चल रहा है […]
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