मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नियुक्त हुए वरिष्ठ पत्रकार गोविंद सिंह

Govind Singh Uttarakhand CM Media Adviser

वरिष्ठ पत्रकार एवं शिक्षाविद प्रो. गोविंद सिंह जी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार नियुक्त किया जाना न केवल राज्य की प्रशासनिक संप्रेषण व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पत्रकारिता और शिक्षा दोनों क्षेत्रों के लिए भी गौरव का विषय है. यह एक ऐसा क्षण है जब हमें यह तय कर पाना कठिन हो जाता है कि गोविंद सिंह जी को पहले एक पत्रकार कहें या शिक्षाविद, क्योंकि उन्होंने दोनों ही क्षेत्रों में अप्रतिम योगदान दिया है.

गोविंद सिंह जी की पत्रकारिता यात्रा नवभारत टाइम्स, अमर उजाला और हिंदुस्तान जैसे देश के प्रमुख समाचार पत्रों से होकर गुज़री है, जहाँ उन्होंने शीर्ष संपादकीय पदों पर रहते हुए न केवल पत्रकारिता के मानदंडों को नई ऊंचाई, बल्कि नई पीढ़ी को दिशा देने का भी कार्य किया. वे केवल खबरों के वाहक नहीं रहे, बल्कि विचारों के शिल्पी रहे हैं. उनके द्वारा लिखे गए संपादकीय, समीक्षाएं और विचार-लेखों ने पाठकों पर गहरी छाप छोड़ी है.

पत्रकारिता के साथ-साथ शिक्षा जगत में भी गोविंद सिंह जी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है. वे उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में वे मीडिया विभाग के अध्यक्ष रहे, जहाँ उन्होंने शैक्षणिक गुणवत्ता और व्यावहारिक प्रशिक्षण के बीच संतुलन कायम किया. इसके साथ ही उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू और भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) में निदेशक के रूप में न केवल संस्थानों का मार्गदर्शन किया, बल्कि विद्यार्थियों की सोच, दृष्टिकोण और भाषा को भी निखारा.

प्रो. सिंह हिंदी भाषा के सशक्त पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों और संगोष्ठियों में हिंदी पत्रकारिता, संप्रेषण और मीडिया नैतिकता पर जो विचार प्रस्तुत किए, वे आज भी कई शोधार्थियों के लिए संदर्भ बिंदु हैं. भाषा को लेकर उनका आग्रह केवल भावनात्मक नहीं, अपितु बौद्धिक भी रहा है.

गांव-पहाड़ से आत्मिक जुड़ाव

प्रो. गोविंद सिंह मूलतः पिथौरागढ़ जनपद के मुनस्यारी क्षेत्र से हैं, वे समय-समय पर अपने गांव जाते-आते रहते हैं एवं एवं के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं, उन्हें जब गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों मिला तो उन्होंने सम्मान में प्राप्त एक लाख रुपये की राशि प्राप्त को अपने गांव के छात्र-छात्राओं की शिक्षा हेतु समर्पित कर दिया.

पत्रकारिता के अपने आरंभिक वर्षों में मुंबई से शुरू होकर दिल्ली तक का उनका सफर, और फिर शिक्षण संस्थानों से होते हुए उत्तराखंड के प्रशासनिक परामर्श की भूमिका तक आना, उनके सतत विकास और सामाजिक सरोकार की कथा कहता है. उन्होंने जो भी जिम्मेदारी निभाई, उसमें पूरी निष्ठा और शालीनता के साथ अपना योगदान दिया.

व्यक्तिगत तौर पर भी उनके सान्निध्य में काम करने वाले अनेकों पत्रकार, लेखक और छात्र उन्हें एक बड़े भाई, मार्गदर्शक और सच्चे मित्र के रूप में याद करते हैं. उनके सान्निध्य में न केवल लेखन सुधरता है, बल्कि सोच भी परिष्कृत होती है. अपने संस्मरण में वरिष्ठ पत्रकार वेद विलास जी लिखते हैं कि- कैसे एक बार ‘आशीर्वाद’ शब्द की अशुद्धि पर उन्होंने डांटा नहीं, बल्कि कहा, ‘इसे कई बार लिखो’ और फिर उन्होंने कॉपी में पचास बार ‘आशीर्वाद’ लिखते-लिखते उस शब्द का सही स्वरूप सदा के लिए आत्मसात कर लिया.

अब जब गोविंद सिंह जी देहरादून में एक नई भूमिका में उपस्थित हैं, तो यह पत्रकारिता जगत, शिक्षाविदों और युवा मीडिया कर्मियों के लिए एक शुभ संकेत है. यह अवसर उनके अनुभव, दृष्टि और सादगी से सीखने का.

हम सबकी ओर से गोविंद सिंह जी को इस नई ज़िम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं. उनके अनुभव और दृष्टिकोण से उत्तराखंड को संप्रेषण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां मिलें, यही कामना है.

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